रात के टाइम मुगल हरम से आती थी ऐसी आवाजें, मुगल बेगमों के सामने ही दासियों के साथ करते थे ये काम…
Mugal History : आज भी मुगल साम्राज्य और उस दौरान लोगों के रहन-सहन का तरीका लोगों के लिए दिलचस्प कहानी है। मालूम हो कि आज भी लोग बड़े चाव के साथ मुगल हरम की कहानियों को पढ़ना और सुनना पसंद करते हैं। आज भी मुगल हरम की कहानी लोगों के लिए रहस्य और जिज्ञासा का विषय बनी हुई है। इतिहासकारों के अनुसार हरम जहां मुगल बादशाहों की रानियां और दासियां रहती थीं वहां महिलाओं की स्थिति इतनी दयनीय होती थी कि एक बार अगर कोई महिला या लड़की गलती से भी की मुगल हरम में प्रवेश कर जाती थी तो फिर हरम से उनकी मुक्ति उनके मृत्यु के बाद ही होती थी यानी कि उनकी लाश ही बाहर निकलती थी।
इतिहासकारों की माने तो मुगल हरमों में महिलाओं को न केवल कैद करके रखा जाता था, बल्कि उन महिलाओं को विभिन्न प्रकार की मानसिक यातनाएँ भी दी जाती थीं। ऐसा कहा जाता है कि रात के समय हरम की महिलाओं चीखें सुनाई देना उस दौर में आम बात थी, जो हरम में मौजूद महिलाओं की बुरी स्थिति को दर्शाती थीं। मालूम हो कि खासकर वो महिलाएं जो हरम की में अपने जीवन के अंतिम क्षणों तक रहती थीं, उनका जीवन तो नर्क से भी बदतर हो जाता था।
मालूम हो कि मुगल शासकों के मनोरंजन के लिए वो लोग बागवानी, कला और खेल जैसे कार्य किया करते थे। इतिहासकारों के अनुसार मुगल बादशाह अकबर को पासबंदी खेलना काफी पसंद था, जिसे अक्सर बादशाह अकबर हरम में खेला करते थे। इसके अलावा, मुगल बादशाह अन्य खेल जैसे कुश्ती, बैकगैमौन और ताश भी खेलने में अपनी दिलचस्पी रखते थे। इस तरह से अगर देखा जाए तो हरम में केवल बंदिशें नहीं होती थी बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक कार्य भी हुआ करते थे।