Birthday Special : 17 साल की उम्र में पैर काटने पड़े: घर वालों पर बोझ नहीं बनना चाहती थीं सुधा चंद्रन, पिता से कही थी मरने की …
सुधा चंद्रन एक प्रसिद्ध भारतीय अभिनेत्री और भरतनाट्यम नृत्यांगना हैं, जिनका जीवन प्रेरणादायक संघर्ष की कहानी है। उनका जन्म 27 सितंबर 1965 को मुंबई में हुआ था। वह बचपन से ही नृत्य के प्रति अत्यधिक समर्पित थीं और भरतनाट्यम में दक्ष थीं।
दुर्घटना और संघर्ष
1981 में, जब सुधा 16 साल की थीं, एक सड़क दुर्घटना में उनका दाहिना पैर गंभीर रूप से घायल हो गया। संक्रमण के कारण उनका पैर काटना पड़ा, जिससे उनकी नृत्य यात्रा एक बड़ा झटका लगा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। एक कृत्रिम पैर की मदद से सुधा ने अपने नृत्य करियर को फिर से शुरू किया और मंच पर वापसी की। उनकी दृढ़ता और साहस ने उन्हें एक प्रेरणास्रोत बना दिया।
अभिनय करियर
सुधा चंद्रन ने अपने जीवन पर आधारित तेलुगु फिल्म “मयूरी” (1984) से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। इस फिल्म को काफी सराहा गया और सुधा को अपनी प्रेरणादायक कहानी के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला। इसके बाद उन्होंने हिंदी, तमिल, तेलुगु और मलयालम भाषाओं में कई फिल्मों और टीवी शोज़ में काम किया।
उनके द्वारा निभाए गए प्रमुख टीवी शोज़ में शामिल हैं
- कहानी घर घर की
- क्योंकि सास भी कभी बहू थी
- नागिन
सम्मान और पुरस्कार
सुधा चंद्रन को उनके नृत्य और अभिनय दोनों के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि मजबूत इच्छाशक्ति और धैर्य के साथ कोई भी व्यक्ति जीवन की किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है।
प्रेरणादायक व्यक्तित्व
सुधा चंद्रन की कहानी संघर्ष और साहस की एक अद्वितीय मिसाल है। उन्होंने साबित किया है कि शारीरिक सीमाएँ मानसिक दृढ़ता और आत्मविश्वास के सामने कोई मायने नहीं रखतीं।
वह आज भी लोगों के लिए एक प्रेरणा बनी हुई हैं और अपने नृत्य और अभिनय के माध्यम से अपने प्रशंसकों के दिलों में स्थान बनाए हुए हैं।