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कितनी सेफ है आपकी अगली फ्लाइट…Air India हादसे के बाद DCGA का बड़ा एक्शन, एयरलाइंस को पास करना होगा ये टेस्ट!

एयर इंडिया की हालिया घटना के बाद, देश की विमानन सुरक्षा एजेंसी DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने सभी एयरलाइंस को लेकर सख्त रुख अपनाया है। अब यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कई नए नियम और टेस्ट लागू किए जा रहे हैं। आइए समझते हैं कि अब आपकी अगली फ्लाइट कितनी सुरक्षित होगी — अपने शब्दों में, बिना किसी कॉपी के।


🛫 क्यों हुआ DGCA का सख्त एक्शन?

हाल ही में एयर इंडिया की एक फ्लाइट में टेक्निकल खराबी और सुरक्षा में लापरवाही सामने आई थी। इस हादसे के बाद DGCA ने जांच शुरू की और पाया कि कई कंपनियों में मेंटेनेंस और सेफ्टी ऑडिट जैसे नियमों को ढंग से फॉलो नहीं किया जा रहा है। इसी के चलते अब सभी एयरलाइनों को सुरक्षा टेस्ट में पास होना अनिवार्य कर दिया गया है।


✅ अब एयरलाइंस को क्या करना होगा?

  1. रैंडम फ्लाइट सेफ्टी ऑडिट:
    DGCA किसी भी समय बिना सूचना दिए एयरलाइन की फ्लाइट, पायलट रिकॉर्ड्स, और मेंटेनेंस डॉक्युमेंट्स की जांच कर सकती है।
  2. इंजीनियरिंग टेस्ट:
    हर एयरलाइन को अब अपनी इंजीनियरिंग टीम और उनके द्वारा किए गए टेक्निकल चेक की रिपोर्ट देनी होगी।
  3. प्री-फ्लाइट चेक की सख्ती:
    टेक-ऑफ से पहले हर प्लेन का पूरा निरीक्षण जरूरी होगा। अब इसे हल्के में लेने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
  4. पायलट और क्रू ट्रेनिंग का रिव्यू:
    DGCA अब फ्लाइट क्रू की ट्रेनिंग और मेडिकल फिटनेस की भी नियमित जांच करेगी।

✈️ यात्रियों के लिए क्या बदलेगा?

  • आपकी अगली फ्लाइट अब और अधिक सुरक्षा मानकों से होकर गुजरेगी।
  • फ्लाइट में डिले हो सकता है अगर किसी तकनीकी जांच में कमी पाई जाती है, लेकिन ये आपकी सुरक्षा के लिए जरूरी है।
  • आप ऐप या एयरलाइन वेबसाइट पर देख सकते हैं कि आपकी फ्लाइट किस हाल में है — ऑन टाइम है या टेक्निकल टेस्टिंग चल रही है।

🧪 1. DGCA की नई फ्लाइट सेफ्टी पॉलिसी – क्या बदल गया?

पहले क्या होता था?

  • टेक्निकल चेक और क्रू फिटनेस को एयरलाइंस खुद मॉनिटर करती थीं।
  • DGCA सालाना या घटनाओं के बाद औपचारिक ऑडिट करता था।

अब क्या होगा?

  • हर महीने रैंडम सेफ्टी ऑडिट्स
  • ‘स्ट्रेस टेस्ट’ जैसे टेक्निकल चेक्स: इंजन, ब्रेक सिस्टम, लाइटिंग, रेडार
  • एयरलाइंस को हर छोटी घटना की रिपोर्ट 72 घंटे के भीतर देना अनिवार्य
  • बार-बार गलती करने वाली कंपनियों की लाइसेंसिंग पर असर डाला जा सकता है

👨‍✈️ 2. पायलट और टेक्निकल स्टाफ को लेकर क्या सख्ती?

  • DGCA अब “Pre-duty alcohol test” की फ्रीक्वेंसी बढ़ा रही है।
  • हर पायलट और मेंटेनेंस इंजीनियर को अद्यतन रिफ्रेशर ट्रेनिंग देनी होगी।
  • कई मामलों में पायलट्स को गलत रिपोर्टिंग या ओवरवर्क पर सस्पेंड भी किया गया है

🔍 3. यात्रियों की नजर से: क्या फायदा?

पहले की स्थितिअब की स्थिति
शिकायतों का जवाब देर सेशिकायत ट्रैकिंग सिस्टम अनिवार्य
उड़ानों की तकनीकी जानकारी सीमितअब वेबसाइट पर “Aircraft Status” जैसे फीचर
डिले या रद्द फ्लाइट पर रिफंड में देरीअब रियल टाइम अपडेट + रिफंड में तेजी

🏆 4. DGCA अब एयरलाइनों की “सुरक्षा रेटिंग” जारी करने की तैयारी में

  • DGCA जल्द ही एक Public Safety Score सिस्टम लॉन्च कर सकता है, जहां हर एयरलाइन की सेफ्टी हिस्ट्री सार्वजनिक होगी।
  • इससे यात्रियों को यह तय करने में मदद मिलेगी कि कौन सी एयरलाइन ज़्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद है।

📌 5. क्या यात्रियों को कुछ करना चाहिए?

  • हां, आप भी कुछ बातें ध्यान में रखें:
    • बोर्डिंग से पहले सीट बेल्ट और इमरजेंसी गाइड को पढ़ें
    • फ्लाइट ऐप्स में रियल टाइम स्टेटस चेक करें
    • किसी भी असामान्य स्थिति (जैसे स्पार्क, आवाज़, स्मेल) की तुरंत क्रू को सूचना दें

🔚 निष्कर्ष

Air India जैसी घटनाएं गंभीर होती हैं, लेकिन DGCA का तेज़ और सख्त रुख यह दर्शाता है कि अब कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आपकी अगली फ्लाइट तभी उड़ान भरेगी जब वह हर स्तर पर सुरक्षा जांच में पास होगी। यानी अब आप निश्चिंत होकर कह सकते हैं — उड़ान अब पहले से ज्यादा सेफ है।