Friday, October 18, 2024
Amitabh Bachchan Birthday
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Amitabh Bachchan Birthday : आखिर किस वजह से साल में 2 बार अपना जन्मदिन मनाते हैं बिग-बी, वजह जान हैरान हो जाएंगे आप

अमिताभ बच्चन भारतीय सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित और प्रभावशाली अभिनेताओं में से एक हैं। उनका जन्म 11 अक्टूबर 1942 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था। वह हिंदी सिनेमा में अपनी गहरी आवाज़, दमदार अभिनय और विविध प्रकार के किरदार निभाने के लिए जाने जाते हैं। उन्हें “एंग्री यंग मैन” के रूप में भी जाना जाता है, विशेष रूप से 1970 और 1980 के दशक में उनके द्वारा निभाए गए कई प्रभावशाली किरदारों के कारण।

अमिताभ बच्चन ने 1969 में फिल्म सात हिंदुस्तानी से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। लेकिन उन्हें असली पहचान 1973 में आई फिल्म जंजीर से मिली, जहां उन्होंने एंग्री यंग मैन की भूमिका निभाई। इसके बाद शोले, दीवार, कभी कभी, मुकद्दर का सिकंदर, और अग्निपथ जैसी फिल्मों में उनकी भूमिकाओं ने उन्हें बॉलीवुड के सुपरस्टार के रूप में स्थापित किया।

उनकी प्रमुख उपलब्धियों में सदी के महानायक का खिताब शामिल है, और उन्हें भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से भी नवाजा गया है। इसके अलावा, उन्हें पद्मश्री, पद्मभूषण, और पद्मविभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है।

अमिताभ ने कौन बनेगा करोड़पति जैसे टेलीविज़न शो होस्ट करके भी नई ऊँचाइयों को छुआ है और वह अब भी सिनेमा में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।

अमिताभ बच्चन का दो बार जन्मदिन मनाने का खास कारण

अमिताभ बच्चन का दो बार जन्मदिन मनाने का खास कारण उनके पारिवारिक और सांस्कृतिक परंपराओं से जुड़ा हुआ है। दरअसल, उनका असली जन्मदिन 11 अक्टूबर को है, जिसे ज्यादातर लोग जानते हैं। लेकिन उनकी माँ तेजी बच्चन की इच्छा थी कि उनका जन्मदिन हिंदी पंचांग के अनुसार भी मनाया जाए, जिसे उनके परिवार में मान्यता दी जाती है।

हिंदी पंचांग के अनुसार जन्मदिन की तिथि बदल जाती है, क्योंकि यह चंद्रमा की गति पर आधारित होता है। इसी कारण से उनका जन्मदिन दो बार मनाया जाता है—एक बार ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 11 अक्टूबर को और दूसरी बार हिंदी पंचांग के अनुसार।

यह एक अनूठी परंपरा है, जो अमिताभ बच्चन के पारिवारिक संस्कारों और भारतीय सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ी है।

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अमिताभ बच्चन का 11 अक्टूबर और 2 अगस्त का महत्व

अमिताभ बच्चन का 11 अक्टूबर और 2 अगस्त दोनों ही तारीखों से खास संबंध है।

  1. 11 अक्टूबर: यह तारीख अमिताभ बच्चन का आधिकारिक जन्मदिन है। उनका जन्म 1942 में इसी दिन हुआ था। हर साल इस दिन उनके प्रशंसक, फिल्म इंडस्ट्री के लोग और उनके परिवार के सदस्य इसे बड़े धूमधाम से मनाते हैं। यह दिन उनके करियर, जीवन और उनकी उपलब्धियों को सम्मानित करने का दिन होता है।
  1. 2 अगस्त: इस दिन अमिताभ बच्चन को एक गंभीर दुर्घटना का सामना करना पड़ा था। 1982 में, जब वह फिल्म “कुली” की शूटिंग कर रहे थे, तो एक एक्शन सीन के दौरान उन्हें गंभीर चोट आई थी। इस चोट के बाद उनकी हालत इतनी गंभीर हो गई थी कि डॉक्टरों ने उन्हें बचाने के लिए काफी मशक्कत की थी। इस दुर्घटना के बाद 2 अगस्त को अमिताभ के प्रशंसकों के लिए उनका दूसरा जन्मदिन माना जाता है, क्योंकि इस दिन को उन्होंने नई जिंदगी के रूप में प्राप्त किया था।

इन दोनों तारीखों का अमिताभ बच्चन की जिंदगी में विशेष महत्व है, एक उनका जन्मदिन और दूसरा उनकी नई जिंदगी की शुरुआत के रूप में।

अमिताभ बच्चन का कुली के सेट पर जानलेवा हादसा

अमिताभ बच्चन के करियर का सबसे गंभीर और जानलेवा हादसा 1982 में फिल्म “कुली” की शूटिंग के दौरान हुआ। यह दुर्घटना बेंगलुरु में एक एक्शन सीन के दौरान हुई थी। फिल्म में एक सीन के लिए अमिताभ बच्चन और पुनीत इस्सर के बीच फाइट सीक्वेंस फिल्माया जा रहा था। इस सीन में पुनीत को अमिताभ को घूंसा मारते हुए दिखाना था, जिससे अमिताभ को एक टेबल पर गिरना था।

हालांकि, इस एक्शन सीन के दौरान अमिताभ बच्चन गलत ढंग से टेबल पर गिरे, जिससे उनके पेट के अंदरूनी हिस्से में गंभीर चोट आई। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी सर्जरी की गई। उनकी स्थिति काफी नाजुक हो गई थी और देशभर में उनके लाखों प्रशंसकों ने उनके लिए प्रार्थनाएं कीं। डॉक्टरों की मेहनत और देशभर से मिले प्रार्थनाओं के चलते उनकी जान बचाई जा सकी। इस घटना के बाद, अमिताभ बच्चन ने इसे अपनी “दूसरी जिंदगी” के रूप में माना, और 2 अगस्त को वह दिन याद करते हैं जब उन्होंने जीवन में पुनः प्रवेश किया।

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इस हादसे के कारण फिल्म की शूटिंग को भी रोक दिया गया था, और बाद में जब अमिताभ ठीक हुए, तो उन्होंने बाकी का सीन शूट किया और फिल्म को पूरा किया।

मौत को मात देकर लौटे बिग बी

अमिताभ बच्चन 1982 में फिल्म “कुली” की शूटिंग के दौरान हुए गंभीर हादसे में मौत के मुंह से वापस लौटे थे। बेंगलुरु में एक एक्शन सीन के दौरान, पुनीत इस्सर के साथ एक फाइट सीन फिल्माया जा रहा था जिसमें अमिताभ को टेबल पर गिरना था। गलत तरीके से गिरने के कारण उनके पेट के अंदर गहरी चोट लग गई, जिससे उनकी हालत बेहद गंभीर हो गई।

उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी जटिल सर्जरी की गई। स्थिति इतनी गंभीर थी कि डॉक्टरों ने कुछ समय के लिए उनकी जान को खतरे में बताया। इस दौरान देशभर में उनके प्रशंसकों ने उनके लिए प्रार्थनाएं कीं। अमिताभ की यह हालत देखकर उनके परिवार, दोस्त और फैंस बेहद चिंतित थे।

डॉक्टरों की मेहनत और लाखों लोगों की प्रार्थनाओं के चलते आखिरकार अमिताभ बच्चन की जान बच गई। उन्हें यह अनुभव इतना गहरा लगा कि उन्होंने इसे अपनी “दूसरी जिंदगी” माना। इस घटना ने उन्हें और उनके फैंस को जीवन के महत्व का अहसास दिलाया।

आज भी 2 अगस्त को अमिताभ उस दिन को याद करते हैं, जब उन्होंने एक नई जिंदगी पाई थी, और इसे वे अपनी “पुनर्जन्म” की तारीख मानते हैं।

अमिताभ बच्चन का बयान

अमिताभ बच्चन ने “कुली” के सेट पर हुए हादसे के बारे में कई बार भावुक होकर बयान दिया है। उन्होंने बताया कि उस दिन वह मौत के करीब पहुंच गए थे और यह उनके जीवन का सबसे कठिन दौर था। इस घटना के बाद, उन्होंने अपने प्रशंसकों की प्रार्थनाओं और डॉक्टरों के प्रयासों का आभार व्यक्त किया।

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अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग और इंटरव्यू में अक्सर इस घटना का जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने लिखा:
“मैंने मौत को करीब से देखा है। उस हादसे ने मुझे एक नई जिंदगी दी। मेरे फैंस की दुआओं ने मुझे बचा लिया। आज जो भी हूं, उनकी प्रार्थनाओं की बदौलत हूं।”

उनकी यह घटना उनके जीवन की एक महत्वपूर्ण यादगार बन गई, जिससे उन्होंने जीवन की क्षणभंगुरता और अनिश्चितता को महसूस किया।

बिग बी की लंबी और सफल फिल्मी यात्रा

अमिताभ बच्चन की लंबी और सफल फिल्मी यात्रा हिंदी सिनेमा में उनकी अपार मेहनत और प्रतिबद्धता का नतीजा है। 1969 में फिल्म “सात हिंदुस्तानी” से अपना करियर शुरू करने वाले अमिताभ बच्चन ने धीरे-धीरे अपने अभिनय से बॉलीवुड में जगह बनाई। 1973 में आई फिल्म “जंजीर” ने उन्हें “एंग्री यंग मैन” का खिताब दिलाया और उनकी लोकप्रियता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। इसके बाद उन्होंने “दीवार” (1975), “शोले” (1975), “डॉन” (1978), और “कभी कभी” (1976) जैसी फिल्मों से अपना स्टारडम कायम किया।

अमिताभ बच्चन का करियर उतार-चढ़ाव भरा रहा, जिसमें 1980 के दशक में आई उनकी स्वास्थ्य समस्याएं और 1990 के दशक में उनकी कंपनी एबीसीएल के वित्तीय संकट भी शामिल थे। लेकिन 2000 में टीवी शो “कौन बनेगा करोड़पति” के जरिए उन्होंने धमाकेदार वापसी की।

उनकी अदाकारी की विविधता, जिसमें कॉमेडी, एक्शन, ड्रामा, और रोमांस जैसी विधाएं शामिल हैं, ने उन्हें हर पीढ़ी के दर्शकों का प्रिय बना दिया। 70 से अधिक उम्र में भी अमिताभ बच्चन सक्रिय रूप से फिल्में कर रहे हैं, जिनमें “पिकू” (2015), “पिंक” (2016), “बदला” (2019), और “गुलाबो सिताबो” (2020) जैसी फिल्में शामिल हैं।

अमिताभ बच्चन की फिल्मी यात्रा एक मिसाल है कि कैसे कठिन समय और व्यक्तिगत संघर्षों से जूझते हुए एक कलाकार न सिर्फ उभर सकता है, बल्कि अपनी महानता की नई परिभाषा लिख सकता है।