Baglamukhi jayanti 2025: बगलामुखी जयंती पर करें इन मंत्रों का जाप, नोट करें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त, शत्रुनाश की मिलेगी शक्ति
बगलामुखी जयंती 2025 (Baglamukhi Jayanti 2025) का पर्व 5 मई, सोमवार को मनाया जाएगा। यह दिन देवी बगलामुखी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जो शत्रु बाधा, भय, और संकटों से मुक्ति दिलाने वाली महाविद्या मानी जाती हैं।
तिथि और शुभ मुहूर्त

- तिथि: 5 मई 2025, सोमवार
- अष्टमी तिथि प्रारंभ: 4 मई 2025, सुबह 7:18 बजे
- अष्टमी तिथि समाप्ति: 5 मई 2025, सुबह 7:35 बजे
- विजय मुहूर्त: 5 मई, दोपहर 2:32 बजे से 3:25 बजे तक
- निशिता मुहूर्त: 5 मई, रात 11:56 बजे से 6 मई, सुबह 12:39 बजे तक
पूजा विधि (Puja Vidhi)
- स्नान और वस्त्र: प्रातःकाल स्नान करके पीले रंग के वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थल की तैयारी: पूजा स्थल को स्वच्छ करके वहां देवी बगलामुखी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- आवश्यक सामग्री: पीले रंग के फूल, हल्दी, पीले मिठाई, अगरबत्ती, और घी का दीपक अर्पित करें।
- मंत्र जाप: “ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा” मंत्र का 108 या 1008 बार जाप करें।
- आरती और प्रसाद: पूजा के बाद देवी की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
महत्व और लाभ
देवी बगलामुखी की पूजा से निम्नलिखित लाभ होते हैं:
- शत्रु बाधा और संकटों से मुक्ति।
- व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में सफलता।
- कानूनी विवादों में विजय।
- भय, मानसिक तनाव, और नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा।
- विवाह में विलंब, संतान सुख, और शिक्षा में सफलता के लिए भी यह पूजा प्रभावी मानी जाती है।