धार्मिक

बजरंगबली के हैं सच्चे भक्त… भीलवाड़ा के इन मंदिरों का जरूर करें दर्शन, हर मुराद हो जाती है पूरी!

भीलवाड़ा, राजस्थान में बजरंगबली के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जहां भक्तों की हर मुराद पूरी होती है। इन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और परंपराएं निभाई जाती हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और संतोष प्रदान करती हैं।


🛕 भीलवाड़ा के प्रमुख हनुमान मंदिर

1. श्री बजरंग मंदिर, भीलवाड़ा शहर

यह मंदिर भीलवाड़ा शहर के मध्य में स्थित है और हनुमान जी के भक्तों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा-अर्चना होती है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। मंदिर का शांत वातावरण और धार्मिक अनुष्ठान भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देते हैं।

2. श्री चंवरा का हनुमान जी मंदिर, बड़लियास

भीलवाड़ा से लगभग 35 किलोमीटर दूर बड़लियास गांव में स्थित यह मंदिर मेवाड़ क्षेत्र में हनुमान जी के प्राचीन मंदिरों में से एक है। यहां आज भी पारंपरिक पूजा-पद्धति का पालन किया जाता है। भक्तों का मानना है कि यहां दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति प्राप्त होती है।


🙏 विशेष पूजा विधि और मान्यताएं

  • मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।
  • इन दिनों देसी घी का दीपक जलाना, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना शुभ होता है।
  • चमेली का तेल और सिंदूर अर्पित करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है।

🧭 कैसे पहुंचें?

  • श्री बजरंग मंदिर भीलवाड़ा शहर के मध्य में स्थित है, जो रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
  • श्री चंवरा का हनुमान जी मंदिर भीलवाड़ा से बड़लियास गांव की दूरी लगभग 35 किलोमीटर है। यहां तक पहुंचने के लिए स्थानीय परिवहन सुविधाएं उपलब्ध हैं।

यदि आप इन मंदिरों की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो मंगलवार या शनिवार का दिन चुनें, ताकि आप विशेष पूजा-अर्चना में भाग ले सकें और बजरंगबली की कृपा प्राप्त कर सकें।


बजरंगबली (हनुमान जी) को प्रसन्न करने के लिए उनके भोग में विशेष चीज़ों का अर्पण करना बहुत फलदायी माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों और परंपराओं के अनुसार, ये वस्तुएं न केवल भगवान हनुमान को प्रिय हैं, बल्कि इनसे वे शीघ्र प्रसन्न होकर भक्तों के सभी कष्टों का नाश करते हैं।


🌟 हनुमान जी को लगाएं ये खास भोग:

1. चिरौंजी मिश्रित बूंदी का लड्डू

  • इसे हनुमान जी का प्रिय भोग माना गया है।
  • मंगलवार या शनिवार को विशेष रूप से अर्पण करें।

2. चमेली का तेल और सिंदूर

  • भोग में सीधे नहीं, लेकिन हनुमान जी को इनसे श्रृंगार करना अत्यंत शुभ माना गया है।

3. गुड़ और चने

  • यह पारंपरिक भोग है जिसे अक्सर व्रत तोड़ने के बाद भक्तों में वितरित किया जाता है।
  • इससे शनि दोष और बुरे ग्रहों का प्रभाव कम होता है।

4. केले और नारियल

  • फल के रूप में अर्पित करें।
  • जीवन में संतुलन और शांति लाते हैं।

5. गाय का घी और गेहूं का आटा

  • इससे बना पंजीरी भी हनुमान जी को प्रिय है।

6. धनिया-शक्कर

  • विशेषकर राजस्थान में यह प्रसाद के रूप में दिया जाता है।

🙏 भोग अर्पण की विधि:

  1. प्रातः या संध्या समय शुद्ध होकर हनुमान जी का चित्र या मूर्ति के सामने दीपक जलाएं।
  2. हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करें।
  3. उपरोक्त में से कोई एक या अधिक भोग सामग्री स्वच्छ पात्र में अर्पित करें।
  4. “ॐ हं हनुमते नमः” या “ॐ रामदूताय नमः” मंत्र जपते हुए भोग समर्पण करें।
  5. अंत में आरती करें और भोग प्रसाद स्वरूप स्वयं व परिवार सहित ग्रहण करें।

यह भोग विधि खासतौर पर मंगलवार, शनिवार या हनुमान जयंती पर करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।