आखिर क्यों कैंसर पेशेंट को अपने बालों को करवाना पड़ता हैं शेव ? जानिए डॉक्टर से क्यों पड़ती है इसकी जरूरत… 

cancer patient hair loss

Chemotherapy And Hair Loss : कैंसर भले ही अब लाइलाज बीमारी नहीं रहीं हैं लेकिन एक काफी खतरनाक बीमारी तो है ही जो कई बार जानलेवा भी साबित हो सकती है, और किसी तरह से अगर पीड़ित की जिंदगी बच भी जाए तो पीड़ित की जिंदगी पूरी तरह से बदल जाती है. अक्सर देखा जाता है कि कैंसर से पीड़ित कई सेलेब्रिटीज की ने अपने बाल कटवा लिए या फिर शेव करवा लिए हैं, फिर चाहे वो मशहूर अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे, मनीषा कोइराला, लीजा रे, ताहिरा कश्यप या फिर क्रिकेटर युवराज सिंह ही क्यों न हो अब इस लिस्ट में मशहूर टीवी अभिनेत्री हिना खान का भी नाम शामिल हो चुका हैं. लेकिन अक्सर ये सवाल हम सब के मन में उठता है कि आख़िर कैंसर पेशेंट अपने बाल क्यों कटवा लेते हैं या फिर शेव करवा लेते हैं? 

आज से नहीं बल्कि सदियों से सिर के बाल किसी की आइडेंटिटी को डिफाइन करने का काम करते आ रहे हैं, लोगों की खूबसूरती बढ़ाने का काम करते हैं काले घने मुलायम रेशमी बाल शायद इसीलिए लोग खुद से भी ज्यादा अपने बालों का देखभाल और केयर करते हैं,  लेकिन कैंसर से पीड़ित होने के बाद बालों को हटाना किसी के लिए भी एक पेनफुल डिसीजन होता है, इस पर एक प्रतिष्ठित संस्थान की मशहूर डॉक्टर बताती है कि अपने बालों को लेकर लोग काफी सेंसिटिव होते हैं, इसीलिए जैसे ही किसी को भी कैंसर डाइग्नोज होता है, और उन्हें अपने ट्रीटमेंट के लिए अपने बाल छोटे कराने होते हैं तो पीड़ित के लिए ये और भी ज्यादा इमोशनली डिस्टर्बिंग पार्ट हो जाता है.

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मालूम हो कि कैंसर के इलाज के दौरान पेशेंट की कीमोथेरेपी होती है, जिसके कारण पेशेंट के बॉडी के कई सेल्स पर अच्छा असर नहीं होता है. इसी कड़ी में कीमो एजेंट के एक्सपोजर में आने के कुछ ही हफ्तों के बाद बालों का कम होना शुरू हो जाता है, इसीलिए पेशेंट को बाल शेव करवाने या कटवाने की सलाह दी जाती हैं ताकि कैंसर के मरीज हेयर लॉस के लिए पहले से मेंटली प्रिपेयर हो जाए.