Sunday, September 8, 2024
Uncategorized

Censor Board : आरओ हाशमी ने मांगा औरंगजेब के खिलाफ लिखित सबूत, नहीं मिला ’छत्रपति संभाजी’ को सेंसर सर्टिफिकेट

8 सालों से बन रही मराठी और हिंदी फिल्म ’छत्रपति संभाजी’ सेंसर बोर्ड से वक्त रहते सर्टिफिकेट नहीं मिलने के चलते 26 जनवरी को रिलीज नहीं हो पाई। आरोप है कि सेंसर बोर्ड के मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों ने फिल्म निर्माता से औरंगजेब के खिलाफ मूवी दिखाए गए तथ्यों को लेकर लिखित सबूत मांगे और इतिहासकारों की दृष्टांत दिए जाने के बाद भी मूवी को सेंसर सर्टिफिकेट नहीं दिया गया। जबकि, फिल्म के स्क्रीनिंग के बाद यह कहा गया था की फिल्म को सर्टिफिकेट समय रहते दे दिया जाएगा।

मुंबई में शनिवार की शाम फिल्म ‘छत्रपति संभाजी’ को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया जहां पर मूवी के निर्माता निर्देशक राकेश सुबे सिंह दुलगज ने सेंसर बोर्ड के बर्ताव को लेकर बात कही। मराठी और हिंदी फिल्म में एक साथ बनी ’छत्रपति संभाजी’ को सेंसर के लिए दुलगज ने 26 दिसंबर को सेंसर बोर्ड में आवेदन किया था।

See also  Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin 03 February : पति के चरित्र पर सवाल खड़े करेगी सवि, रीवा के हाथ में देगी हाथ

दुलगज ने बताया की ’12 जनवरी 2024 को सेंसर बोर्ड से देर रात फोन आया कि अगले दिन सुबह 9:00 बजे स्क्रीनिंग रखी गई है आप डीसीपी फाइल बनाकर आइए। स्क्रीनिंग में मौजूज विनिया केलकर ने फिल्म देखने के बाद कहा कि आपको युए सर्टिफिकेट दिया जा रहा है। मूवी में जो भी बदलाव किए गए हैं उनकी सूचना मेल पर दे दी जाएगी।’

सेंसर बोर्ड से ये आश्वासन मिलते ही दुलगज ने मूवी ‘छत्रपति संभाजी’ की रिलीज तारीख 26 जनवरी को फाइनल की गई थी। सेंसर बोर्ड से इस बात का आश्वासन दिया गया था कि हर हालत में 25 जनवरी तक मूवी को सेंसर सर्टिफिकेट दे दिया जाएगा। दुलगज कहते हैं फिल्म को रिलीज तारीख तय होने के बाद सेंसर बोर्ड के ऑफिस के चक्कर लगाते रहे, लेकिन कोई भी अधिकारी नहीं मिलता था। इससे पहले सेंसर बोर्ड में फिल्म के जींन दृश्यों को लेकर आपत्ति जताई थी उसे साक्ष्य और सबूत पेश कर दिए गए थे।’

See also  Kajal and Khesari Lal Affair : जब खेसारी को लेकर काजल ने कहा था - ''क्यों वह अपने बीवी बच्चों को छोड़कर मेरे साथ आएंगे'', हुई थी प्राइवेट वीडियो लीक

आरोप है कि सेंसर बोर्ड के मुंबई कार्यालय नवनियुक्त क्षेत्रीय अधिकारी शईद रबी हाशमी ने इस बात के लिए सबूत और साक्ष्य की मांग की, कि क्या वास्तव में औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी को इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया था। दुलगज ने इस घटना की पुष्टि के लिए कुछ इतिहासकारों के चिट्ठी और उनकी पुस्तक को सेंसर बोर्ड में जमा करने की बात कही है।

जिसमें औरंगजेब के छत्रपति संभाजी पर इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर करने की बात कही गई है। हाशमी ने इस बारे में सेंसर बोर्ड के लैंडलाइन नंबर पर संपर्क करने की प्रयास की, लेकिन सेंसर बोर्ड के मुंबई कार्यालय का लैंडलाइन नंबर हमेशा की तरह अनुत्तरित रहा। विभाग ने अब भी अपने अधिकारियों के सीयूजी नंबर सार्वजनिक नहीं किए हैं।