क्यों लगते हैं ड्रैगन यान को 17 घंटे और सोयुज़ सिर्फ को 3 घंटे ?
सुनीता विलियम्स जिस ड्रैगन यान (SpaceX Crew Dragon) से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा कर रही थीं, उसे 17 घंटे लगे, जबकि रूस के सोयुज़ यान को केवल तीन से छह घंटे ही लगते हैं। इसकी मुख्य वजह दोनों यानों की अलग-अलग उड़ान प्रोफ़ाइल और कक्षा में मिलने (rendezvous) की प्रक्रिया है।
1. उड़ान प्रोफ़ाइल और डॉकिंग रणनीति
- Crew Dragon (स्पेसएक्स ड्रैगन यान)
- यह एक सुरक्षित और धीमी अप्रोच अपनाता है।
- लॉन्च के बाद यह ISS से पहले कुछ कक्षाओं (orbits) में घूमता है ताकि उसकी गति और स्थिति ठीक से सेट हो सके।
- यह ऑटोमैटिक डॉकिंग सिस्टम का उपयोग करता है, जिससे प्रक्रिया अधिक नियंत्रित और सुरक्षित हो जाती है।
- इस प्रक्रिया में अधिक समय लगता है, लेकिन यह सुरक्षा और स्थिरता को प्राथमिकता देता है।
- Soyuz (सोयुज़ यान)
- यह एक तेज़ अप्रोच अपनाता है, जिसे “फास्ट-ट्रैक प्रोफ़ाइल” कहा जाता है।
- सोयुज़ अंतरिक्ष में जाने के सिर्फ़ चार कक्षाओं के अंदर ही ISS से जुड़ सकता है, जिससे यह तीन से छह घंटे में वहां पहुंच जाता है।
- इसमें अधिक मैन्युअल हस्तक्षेप (manual intervention) की जरूरत होती है, लेकिन रूसी अंतरिक्ष एजेंसी Roscosmos इस प्रक्रिया में बहुत अनुभवी है।

2. ईंधन की खपत और सुरक्षा
- Crew Dragon धीमे डॉकिंग से अधिक ईंधन बचाता है और स्पेसक्राफ्ट के ऑनबोर्ड सिस्टम्स को अधिक स्थिर बनाए रखता है।
- Soyuz ज्यादा तेज़ डॉकिंग करता है, लेकिन इसमें अधिक ईंधन खर्च होता है और यह थोड़ा जोखिम भरा भी हो सकता है।
3. मिशन प्रोफ़ाइल और अंतरिक्ष यात्री का आराम
- Crew Dragon में यात्रियों के आराम को ध्यान में रखते हुए एक धीमी और स्थिर प्रक्रिया अपनाई जाती है।
- Soyuz का लक्ष्य तेजी से अंतरिक्ष यात्रियों को ISS तक पहुंचाना है, लेकिन इसमें स्पेससूट पहने यात्रियों को संकुचित स्थिति में रहना पड़ता है।
निष्कर्ष
स्पेसएक्स का ड्रैगन यान सुरक्षा, स्थिरता और ईंधन बचत को प्राथमिकता देता है, इसलिए उसे ISS तक पहुंचने में अधिक समय लगता है। जबकि रूस का सोयुज़ यान तेज़ और कारगर है, लेकिन इसमें कुछ जोखिम होते हैं। दोनों यानों की अपनी-अपनी विशेषताएँ और प्राथमिकताएँ हैं।