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Ganesha Statue Vastu Tips: घर की कौन सी दिशा में गणेश प्रतिमा स्थापित करना माना जाता है अति शुभ? खिंची चली आती है सुख-समृद्धि

गणेश प्रतिमा को घर में स्थापित करना न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह वास्तु शास्त्र के अनुसार भी सुख-समृद्धि, विघ्नों के नाश, और सकारात्मक ऊर्जा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। सही दिशा और स्थान पर गणपति की मूर्ति रखने से घर में शांति, समृद्धि, और सफलता बनी रहती है।


वास्तु शास्त्र अनुसार गणेश प्रतिमा रखने की शुभ दिशा:

उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) – सबसे शुभ

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में भगवान गणेश की मूर्ति रखना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • यह दिशा आध्यात्मिकता और सकारात्मक ऊर्जा की दिशा होती है।
  • यहां गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने से घर में विघ्नों का नाश होता है और धन-समृद्धि बढ़ती है।

उत्तर दिशा – सफलता और समृद्धि के लिए

  • उत्तर दिशा को कुबेर की दिशा माना जाता है, जो धन-संपत्ति के कारक हैं।
  • उत्तर दिशा में गणेश जी की प्रतिमा रखने से धन प्राप्ति और व्यापार में वृद्धि होती है।

कहां नहीं रखें गणेश प्रतिमा?

  • बाथरूम, रसोईघर, सीढ़ियों के नीचे, या शयनकक्ष में गणेश प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए।
  • गणेश जी की पीठ घर के मुख्य द्वार की ओर नहीं होनी चाहिए — इससे नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है।

गणेश प्रतिमा की सही स्थिति व स्वरूप:

  1. गणेश जी की मूर्ति बैठी हुई अवस्था में होनी चाहिए – यह शांति, स्थिरता, और घर में संतुलन बनाए रखती है।
  2. गणेश जी की सूंड दाईं ओर मुड़ी होनी चाहिए (अगर पूजा का उद्देश्य है) – यह कठिन नियमों का पालन करवाती है, और नियमित पूजा आवश्यक होती है।
  3. सूंड़ बाईं ओर मुड़ी हो तो यह घर के लिए अधिक शुभ मानी जाती है – इसे साधारण पूजन से प्रसन्न किया जा सकता है।
  4. मोदक और चूहा साथ में हो – ये समृद्धि और पूर्णता का प्रतीक होते हैं।

गणेश स्थापना के लाभ:

  • परिवार में एकता और शांति बनी रहती है।
  • नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
  • करियर और शिक्षा में सफलता मिलती है।
  • विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं और शुभ कार्यों में सफलता मिलती है।

गणेश मंत्र से करें पूजन:

“ॐ गं गणपतये नमः” – इस मंत्र का 108 बार जाप कर सकते हैं प्रतिदिन, जिससे घर में शुभता और समृद्धि बनी रहती है।


निष्कर्ष:

गणेश जी की प्रतिमा को उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में स्थापित करना वास्तु शास्त्र में सर्वश्रेष्ठ और अत्यंत शुभ माना गया है। यह घर में धन, सुख, और शांति के आगमन का द्वार खोलता है।