Gautam Gambhir Birthday : ‘गंभीर’ मौके पर टीम इंडिया को ‘गौतम’ ने दिलाई जीत, सियासत में भी दिखा चुके हैं दमखम
गौतम गंभीर का जन्म 14 अक्टूबर 1981 को हुआ था।गौतम गंभीर एक भारतीय क्रिकेटर और राजनीतिज्ञ हैं। वह भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एक बेहतरीन ओपनिंग बल्लेबाज रहे हैं और अपनी कड़ी मेहनत, धैर्य और साहस के लिए जाने जाते हैं। गंभीर ने 2007 के टी20 विश्व कप और 2011 के क्रिकेट विश्व कप में महत्वपूर्ण पारियां खेलीं, जिससे भारत को दोनों विश्व कप जीतने में मदद मिली।
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, गौतम गंभीर राजनीति में सक्रिय हो गए और भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े। 2019 में, वह पूर्वी दिल्ली से सांसद चुने गए। इसके साथ ही वह समाजसेवी कार्यों में भी शामिल रहते हैं और गरीबों की मदद करने और सैनिकों के लिए काम करने के लिए पहचाने जाते हैं।
गौतम गंभीर का डेब्यू मैच
गौतम गंभीर ने अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू 11 अप्रैल 2003 को किया था। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ एकदिवसीय (ODI) मैच से अपने करियर की शुरुआत की थी।
उनका टेस्ट डेब्यू 3 नवंबर 2004 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुआ था।
गंभीर ने अपनी शानदार बल्लेबाजी और स्थिरता के साथ भारतीय टीम में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया।
गौतम गंभीर का शानदार रहा इंटरनैशनल करियर
गौतम गंभीर का अंतरराष्ट्रीय करियर भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने अपने खेल के दौरान कई महत्वपूर्ण योगदान दिए, खासकर कुछ ऐतिहासिक मैचों में। उनके करियर के कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
1. 2007 टी20 विश्व कप:
गंभीर ने 2007 के आईसीसी टी20 विश्व कप फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ शानदार 75 रन बनाए, जिससे भारत को पहली बार यह खिताब जीतने में मदद मिली। उनकी पारी निर्णायक साबित हुई और उन्हें भारत की इस बड़ी जीत के नायकों में गिना गया।
2. 2011 वनडे विश्व कप:
गौतम गंभीर का सबसे यादगार योगदान 2011 के वनडे विश्व कप फाइनल में रहा। श्रीलंका के खिलाफ मुंबई में खेले गए इस मैच में जब भारत मुश्किल स्थिति में था, तब गंभीर ने 97 रनों की शानदार पारी खेली। उनकी इस महत्वपूर्ण पारी ने भारत को विश्व कप जीतने की दिशा में आगे बढ़ाया और 28 साल बाद भारत को दूसरी बार विश्व चैंपियन बनाया।
3. टेस्ट करियर:
गौतम गंभीर का टेस्ट करियर भी बहुत सफल रहा। उन्होंने भारत के लिए कई यादगार पारियां खेलीं, खासकर 2008-09 के दौरान, जब वह शानदार फॉर्म में थे। न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी मैराथन पारियां विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। 2009 में, गंभीर आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में दुनिया के नंबर 1 बल्लेबाज बने।
4. वनडे और टी20 में निरंतरता:
गंभीर की बल्लेबाजी में निरंतरता ने उन्हें वनडे और टी20 दोनों प्रारूपों में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाया। उन्होंने अपने पूरे करियर में 58 टेस्ट मैचों में 4,154 रन और 147 वनडे मैचों में 5,238 रन बनाए। टी20 अंतरराष्ट्रीय में भी उन्होंने 932 रन बनाए।
5. आईपीएल सफलता:
गौतम गंभीर ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के कप्तान के रूप में दो बार टीम को खिताब जिताया (2012 और 2014)। उनकी कप्तानी और बल्लेबाजी के तहत, KKR एक मजबूत टीम के रूप में उभरी।
6. क्रिकेट से संन्यास:
गंभीर ने दिसंबर 2018 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया। उन्होंने खेल से विदाई के बाद क्रिकेट एक्सपर्ट और विश्लेषक के रूप में काम किया और फिर राजनीति में कदम रखा।
गौतम गंभीर का करियर न केवल उनकी उपलब्धियों के लिए बल्कि उनकी टीम की जीत में योगदान देने की प्रतिबद्धता के लिए भी याद किया जाता है।
गौतम गंभीर का पाकिस्तान को धोया
गौतम गंभीर का पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन हमेशा यादगार रहा है। उन्होंने कई अहम मौकों पर पाकिस्तान के खिलाफ शानदार पारियां खेलीं, जो भारत की जीत में महत्वपूर्ण साबित हुईं। गंभीर ने भारत-पाकिस्तान मैचों की तीव्र प्रतिस्पर्धा में कई बार अपनी टीम के लिए बड़ी जिम्मेदारी से खेला। उनके कुछ उल्लेखनीय प्रदर्शन इस प्रकार हैं:
1. 2007 टी20 विश्व कप फाइनल:
गौतम गंभीर का पाकिस्तान के खिलाफ सबसे यादगार प्रदर्शन 2007 के टी20 विश्व कप के फाइनल में रहा। उस मैच में गंभीर ने दबाव के बीच 54 गेंदों में 75 रन बनाए, जिससे भारत को एक चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा करने में मदद मिली। उनकी यह पारी भारत की जीत का आधार बनी, और भारत ने पहली बार टी20 विश्व कप जीता। यह मैच पाकिस्तान के खिलाफ उनकी सबसे चर्चित पारियों में से एक था।
2. एशिया कप 2012:
2012 में ढाका में खेले गए एशिया कप के दौरान गंभीर ने पाकिस्तान के खिलाफ 52 रनों की शानदार पारी खेली। हालांकि विराट कोहली के 183 रनों की पारी ने भारत की जीत में बड़ी भूमिका निभाई, लेकिन गंभीर का योगदान भी महत्वपूर्ण था, क्योंकि उन्होंने ओपनिंग में तेजी से रन बनाए और टीम को अच्छी शुरुआत दी।
3. कई द्विपक्षीय सीरीज में योगदान:
गंभीर ने पाकिस्तान के खिलाफ कई द्विपक्षीय सीरीज में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका शांत और आक्रामक खेल का मिश्रण पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबलों में खास रहा। उनका स्ट्राइक रेट और क्रीज़ पर टिके रहने की क्षमता ने भारत को कई मौकों पर पाकिस्तान के खिलाफ मैच जीतने में मदद की।
गौतम गंभीर ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने खेल में जो साहस, धैर्य और दृढ़ता दिखाई, वह भारत-पाकिस्तान क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा। उनके शानदार प्रदर्शन ने उन्हें भारत के लिए एक भरोसेमंद बल्लेबाज और पाकिस्तान के खिलाफ एक बड़े मैच विनर के रूप में स्थापित किया।
गौतम गंभीर का ODI वर्ल्ड कप
गौतम गंभीर का वनडे (ODI) विश्व कप करियर भारतीय क्रिकेट के इतिहास में खास महत्व रखता है, खासकर 2011 के आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में उनके योगदान के कारण। उनके ODI विश्व कप से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें इस प्रकार हैं:
1. 2011 वर्ल्ड कप फाइनल – 97 रनों की यादगार पारी:
2011 के आईसीसी क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में गौतम गंभीर का प्रदर्शन भारत की ऐतिहासिक जीत का सबसे बड़ा आधार था। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए इस फाइनल में भारत 275 रनों का पीछा कर रहा था। जब टीम संकट में थी, तब गंभीर ने 122 गेंदों में 97 रन बनाए।
उनकी यह पारी भारत की पारी को स्थिरता देने वाली थी, क्योंकि शुरुआती झटकों के बाद उन्होंने विराट कोहली और फिर महेंद्र सिंह धोनी के साथ साझेदारियां कीं। गंभीर के आउट होने के बाद कप्तान धोनी ने टीम को जीत की ओर पहुंचाया, लेकिन गंभीर की 97 रनों की पारी उस जीत का सबसे बड़ा योगदान थी।
यह पारी भारत को 28 साल बाद दूसरा विश्व कप दिलाने में महत्वपूर्ण साबित हुई, और गंभीर को उस मैच में उनके संघर्ष और धैर्य के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
2. 2011 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन:
पूरे 2011 विश्व कप में गौतम गंभीर ने कई महत्वपूर्ण पारियां खेलीं। उन्होंने टूर्नामेंट में कुल 393 रन बनाए, जो टीम इंडिया के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान था। गंभीर ने पूरे टूर्नामेंट में अपनी बल्लेबाजी से टीम की जीत में योगदान दिया, खासकर नॉकआउट चरणों में।
3. अन्य विश्व कप टूर्नामेंट:
गौतम गंभीर ने 2007 के आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में भी हिस्सा लिया था, हालांकि वह टूर्नामेंट भारतीय टीम के लिए निराशाजनक रहा था, और टीम ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी। लेकिन 2011 के विश्व कप में उनके प्रदर्शन ने उन्हें भारत के सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक बना दिया।
4. पारी का महत्व:
2011 के विश्व कप में गंभीर की पारी को उनके करियर की सबसे बड़ी पारियों में से एक माना जाता है, और कई क्रिकेट विशेषज्ञ मानते हैं कि वह पारी फाइनल में भारत की जीत का असली आधार थी। 97 रन की वह पारी अब तक भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के दिलों में बसी हुई है।
गौतम गंभीर का ODI विश्व कप करियर, विशेष रूप से 2011 विश्व कप का प्रदर्शन, उन्हें भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ियों की सूची में एक खास स्थान दिलाता है।