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Hanuman Puja Ke Niyam: महिलाओं का हनुमान जी की मूर्ति को छूना सही है या गलत? स्वामी रामभद्राचार्य से जानें क्या है सच्चाई

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“Hanuman Puja Ke Niyam: महिलाओं का हनुमान जी की मूर्ति को छूना सही है या गलत? स्वामी रामभद्राचार्य से जानें क्या है सच्चाई”
– धार्मिक जिज्ञासा, परंपरा और आधुनिक सोच के संतुलन का बेहतरीन उदाहरण है। इस विषय में लोगों के बीच लंबे समय से भ्रम है, जिसे तथ्य और संतों की व्याख्या से स्पष्ट किया जा सकता है। नीचे इस पर आधारित एक संतुलित और जानकारीपूर्ण लेख प्रस्तुत है:

Hanuman Puja Ke Niyam: क्या महिलाएँ छू सकती हैं हनुमान जी की मूर्ति?

हनुमान जी, जिन्हें ब्रह्मचारी और “बाल ब्रह्मचारी” कहा जाता है, उनके पूजन-विधान में महिलाओं की भूमिका को लेकर कई परंपराएँ और भ्रांतियाँ प्रचलित हैं।

परंपरागत मान्यता क्या कहती है?

  • कुछ परंपराओं में कहा गया है कि चूंकि हनुमान जी अखंड ब्रह्मचारी हैं, इसलिए महिलाएं उनकी मूर्ति को स्पर्श नहीं कर सकतीं।
  • विशेष रूप से हनुमान मंदिरों में स्थापित विग्रह (प्रतिष्ठित मूर्ति) को महिलाओं द्वारा छूने से रोका जाता है।

स्वामी रामभद्राचार्य जी का मत:

जगद्गुरु रामभद्राचार्य, तुलसीपीठाधीश्वर और रामायण के विद्वान संत हैं।
उनके अनुसार:

मतलब यह कि:

  • महिलाएं हनुमान चालीसा पढ़ सकती हैं, पूजा कर सकती हैं, भक्ति कर सकती हैं।
  • अगर मूर्ति को न छूने की व्यवस्था किसी विशिष्ट मंदिर की परंपरा है, तो वह उस संस्था विशेष की मर्यादा है, न कि संपूर्ण धर्म का नियम।

महिलाओं को हनुमान भक्ति में क्या करना चाहिए?

  • हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, बजरंग बाण का पाठ कर सकती हैं।
  • मंगलवार और शनिवार को व्रत रख सकती हैं।
  • मंदिर में प्रसाद चढ़ा सकती हैं और दर्शन कर सकती हैं।
  • यदि मूर्ति को छूने से मना किया गया हो, तो केवल मानसिक रूप से प्रणाम करें।