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क्या होता है आम बजट ? जनता का क्या है इससे लेना – देना ?

आम बजट क्या होता है?
आम बजट (Union Budget) भारत सरकार का वार्षिक वित्तीय खाका होता है, जिसे हर साल वित्त मंत्री संसद में पेश करते हैं। इसमें सरकार आने वाले वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) के लिए आय-व्यय, कर नीतियाँ, सरकारी योजनाएँ और विकास योजनाओं के लिए आवंटन तय करती है।

जनता का इससे क्या लेना-देना?
आम बजट सीधे तौर पर आम जनता के जीवन पर प्रभाव डालता है। इसके मुख्य पहलू ये हैं:

  1. करों में बदलाव – इनकम टैक्स, जीएसटी, कस्टम ड्यूटी आदि में बदलाव से आम आदमी की जेब पर असर पड़ता है।
  2. मंहगाई और सस्ताई – बजट में विभिन्न वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाने या घटाने से रोजमर्रा की चीज़ें महंगी या सस्ती हो सकती हैं।
  3. सरकारी योजनाएँ और सब्सिडी – बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि, महिला कल्याण, गरीबों के लिए योजनाओं का ऐलान किया जाता है, जिससे जनता को लाभ होता है।
  4. रोजगार और आर्थिक विकास – सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर, उद्योग, स्टार्टअप और MSME को दी जाने वाली सुविधाओं से नए रोजगार के अवसर बनते हैं।
  5. ब्याज दरें और लोन – बजट में लिए गए फैसले बैंकों की ब्याज दरों को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे घर, कार या बिज़नेस लोन लेना सस्ता या महंगा हो सकता है।

संक्षेप में, आम बजट हर नागरिक के जीवन को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है। इसलिए इस पर ध्यान देना और समझना ज़रूरी है।

आम बजट (Union Budget) विस्तार से समझें

आम बजट सरकार का वार्षिक वित्तीय दस्तावेज होता है, जिसमें यह बताया जाता है कि अगले वित्तीय वर्ष में सरकार कैसे और कहाँ से पैसा कमाएगी (राजस्व स्रोत) और उसे कहाँ खर्च करेगी (व्यय)। इसे वित्त मंत्री हर साल 1 फरवरी को संसद में प्रस्तुत करते हैं। इसके दो प्रमुख भाग होते हैं:

  1. राजस्व बजट (Revenue Budget) – इसमें सरकार की आमदनी (जैसे टैक्स, कस्टम ड्यूटी, जीएसटी) और उसके रोज़मर्रा के खर्च (जैसे वेतन, पेंशन, सब्सिडी) शामिल होते हैं।
  2. पूंजी बजट (Capital Budget) – इसमें बुनियादी ढांचे (सड़क, रेल, पुल), शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा, आदि में निवेश के लिए धन आवंटन किया जाता है।

जनता का बजट से सीधा संबंध

1. आम आदमी की जेब पर असर
बजट में अगर इनकम टैक्स स्लैब बदले जाते हैं या टैक्स छूट दी जाती है, तो इससे सैलरी पाने वालों और छोटे व्यापारियों की जेब पर असर पड़ता है।

2. महंगाई और सस्ती चीज़ें
सरकार पेट्रोल-डीजल, गैस, इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयों, कपड़े, खाने-पीने की चीज़ों पर टैक्स बढ़ाती या घटाती है, जिससे ये चीजें महंगी या सस्ती हो जाती हैं।

3. नौकरी और रोजगार के अवसर
अगर सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टार्टअप और उद्योगों के लिए फंड बढ़ाती है, तो इससे नए रोजगार के अवसर बढ़ते हैं।

4. किसानों और गरीबों के लिए योजनाएँ
बजट में किसानों को कर्ज माफी, सब्सिडी, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी, गरीबों के लिए मुफ्त राशन, स्वास्थ्य योजनाएँ आदि का प्रावधान हो सकता है।

5. शिक्षा और स्वास्थ्य
अगर शिक्षा और स्वास्थ्य बजट में बढ़ोतरी होती है, तो सरकारी स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों की सुविधाएँ बेहतर होती हैं, जिससे आम जनता को फायदा होता है।

6. लोन और ब्याज दरें
अगर सरकार बैंकों के लिए सस्ते कर्ज की सुविधा देती है, तो होम लोन, कार लोन, बिजनेस लोन आदि की ब्याज दरें घट सकती हैं, जिससे आम जनता को राहत मिलती है।

बजट क्यों महत्वपूर्ण है?

  • यह देश की आर्थिक दिशा तय करता है।
  • इससे पता चलता है कि सरकार किन क्षेत्रों को प्राथमिकता दे रही है।
  • आम आदमी के खर्च और बचत पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है।
  • निवेश करने वालों (स्टॉक्स, म्यूचुअल फंड) के लिए यह संकेत देता है कि कौन से सेक्टर आगे बढ़ सकते हैं।

संक्षेप में, आम बजट सिर्फ सरकारी आंकड़ों का खेल नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक के जीवन को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इसलिए इसे समझना ज़रूरी है!

आम बजट: गहराई से समझें

आम बजट केवल सरकार का वार्षिक खर्च और आमदनी का विवरण नहीं है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था की दिशा तय करता है। इससे सरकार यह दर्शाती है कि वह किन क्षेत्रों को प्राथमिकता देने वाली है, जिससे आम जनता, उद्योग, निवेशक, और विभिन्न वर्गों पर इसका असर पड़ता है। आइए इसे और विस्तार से समझते हैं।

1. बजट का ढांचा (Structure of Budget)

भारत का बजट मुख्य रूप से दो हिस्सों में बंटा होता है:

A. राजस्व बजट (Revenue Budget)

  • इसमें सरकार की आमदनी (Revenue Receipts) और खर्च (Revenue Expenditure) शामिल होता है।
  • इसमें टैक्स से होने वाली कमाई (जैसे इनकम टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स, GST) और गैर-टैक्स आमदनी (जैसे सरकारी कंपनियों का लाभ, बैंक डिविडेंड) शामिल होती है।
  • राजस्व खर्च में सरकारी कर्मचारियों का वेतन, पेंशन, ब्याज भुगतान, और विभिन्न योजनाओं में खर्च शामिल होता है।

B. पूंजी बजट (Capital Budget)

  • इसमें सरकारी निवेश, बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, रक्षा खरीद, रेलवे, मेट्रो, हाईवे, आदि पर खर्च किया जाता है।
  • यह देश के दीर्घकालिक विकास के लिए जरूरी होता है।

2. बजट का आम जनता से संबंध

बजट केवल सरकार का दस्तावेज नहीं, बल्कि हर नागरिक को प्रभावित करने वाला फैसला है। आइए समझते हैं कि बजट का असर विभिन्न वर्गों पर कैसे पड़ता है:

A. नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग

  • इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव – अगर सरकार टैक्स छूट बढ़ाती है या नई टैक्स दरें लागू करती है, तो इससे सैलरी पाने वालों की बचत पर असर पड़ता है।
  • महंगाई और GST – रोजमर्रा की चीजों (कपड़े, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, दवा) पर GST बढ़ने या घटने से खर्च प्रभावित होता है।
  • PF और पेंशन पर प्रभाव – सरकार कर्मचारियों के भविष्य निधि (PF) और पेंशन योजनाओं में नए बदलाव कर सकती है।

B. किसान और ग्रामीण भारत

  • किसानों को सब्सिडी – खाद, बीज, बिजली, सिंचाई के लिए सब्सिडी बढ़ने से किसानों को राहत मिलती है।
  • MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) – सरकार अगर फसलों के MSP में बढ़ोतरी करती है, तो किसानों की आय पर सीधा असर पड़ता है।
  • कृषि कर्ज और बीमा योजनाएँ – सरकार किसानों को कर्ज माफी, सस्ते लोन और फसल बीमा जैसी योजनाएँ लाती है।

C. छात्र और युवा वर्ग

  • शिक्षा बजट – अगर सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए ज्यादा फंड दिया जाता है, तो शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आता है।
  • स्कॉलरशिप और लोन – सरकार छात्रों के लिए नए स्कॉलरशिप प्रोग्राम और एजुकेशन लोन पर ब्याज में राहत दे सकती है।
  • रोजगार योजनाएँ – नए स्टार्टअप्स और उद्योगों को बढ़ावा देने से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बन सकते हैं।

D. छोटे व्यापार और स्टार्टअप्स

  • GST में बदलाव – छोटे व्यापारियों के लिए टैक्स दरों में बदलाव उनके मुनाफे और लागत को प्रभावित करता है।
  • सरकारी लोन और स्कीम्स – स्टार्टअप्स के लिए सरकार नई योजनाएँ लाकर उन्हें फंडिंग और टैक्स में छूट देती है।
  • मुद्रा योजना और MSME को राहत – छोटे कारोबारियों को सस्ता कर्ज और आसान व्यापार नीतियाँ मिल सकती हैं।

3. बजट के प्रमुख हिस्से और उनके प्रभाव

A. कर नीति (Tax Policy)

  • इनकम टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स, GST, एक्साइज ड्यूटी जैसे करों में बदलाव से सरकार की आय और जनता की जेब पर असर पड़ता है।

B. सब्सिडी और सरकारी योजनाएँ

  • सरकार किसानों, गरीबों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए कई योजनाएँ बजट में घोषित करती है।

C. महंगाई और कीमतों पर प्रभाव

  • कुछ वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाने से उनकी कीमतें बढ़ जाती हैं, जबकि कुछ पर राहत देने से चीजें सस्ती हो सकती हैं।

D. इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास

  • सड़क, मेट्रो, रेलवे, बिजली, इंटरनेट कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में निवेश से रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है।

4. बजट बनाने की प्रक्रिया (How is Budget Made?)

A. कौन बनाता है बजट?

  • बजट बनाने की जिम्मेदारी वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) की होती है।
  • इसके लिए अलग-अलग मंत्रालयों, सरकारी एजेंसियों, अर्थशास्त्रियों, उद्योगपतियों और आम जनता से सुझाव लिए जाते हैं।

B. बजट पेश करने की प्रक्रिया

  1. बजट तैयार करना – सरकार पिछले साल के खर्च और आने वाले साल की जरूरतों के आधार पर बजट बनाती है।
  2. संसद में पेश करना – बजट को 1 फरवरी को संसद में वित्त मंत्री पेश करते हैं।
  3. संसदीय बहस और स्वीकृति – संसद इस पर चर्चा करती है और आवश्यक बदलावों के बाद इसे मंजूरी देती है।
  4. राष्ट्रपति की मंजूरी – बजट पास होने के बाद राष्ट्रपति इसे मंजूरी देते हैं और यह लागू हो जाता है।

5. बजट के प्रकार

A. अंतरिम बजट (Interim Budget)

  • जब लोकसभा चुनाव होने वाले होते हैं, तब सरकार पूर्ण बजट पेश नहीं कर सकती।
  • इसमें अगले कुछ महीनों के लिए सरकार का खर्चा चलाने के लिए बजट पेश किया जाता है।

B. रेल बजट और आर्थिक सर्वेक्षण

  • पहले रेल बजट अलग से पेश किया जाता था, लेकिन 2017 से इसे आम बजट में मिला दिया गया।
  • बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) पेश किया जाता है, जिसमें बताया जाता है कि पिछले साल देश की अर्थव्यवस्था कैसी रही।

6. बजट से आम आदमी को कैसे फायदा हो सकता है?

  • अगर टैक्स में छूट मिले तो आपकी बचत बढ़ सकती है।
  • अगर महंगाई कम हो तो रोज़मर्रा की चीजें सस्ती हो सकती हैं।
  • अगर रोजगार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिले तो नई नौकरियाँ आ सकती हैं।
  • अगर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का बजट बढ़े तो आपको बेहतर सुविधाएँ मिल सकती हैं।

निष्कर्ष

आम बजट सिर्फ एक आर्थिक रिपोर्ट नहीं, बल्कि देश के भविष्य की रूपरेखा होती है। इससे तय होता है कि सरकार आने वाले साल में किन क्षेत्रों को प्राथमिकता देगी और इसका असर जनता पर कैसा पड़ेगा। इसलिए, हर नागरिक को बजट पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यह आपकी आमदनी, खर्च, बचत, रोजगार और जीवनशैली को प्रभावित करता है।