Friday, October 18, 2024
Manmohan Singh Birthday
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Manmohan Singh Birthday : आर्थिक सुधार और ‘एक्सीडेंटल पीएम’ ही नहीं इस बात के लिए भी मशहूर हैं मनमोहन सिंह

मनमोहन सिंह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैं, जिन्होंने भारतीय राजनीति और आर्थिक सुधारों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। उनकी सादगी, विद्वत्ता और आर्थिक दृष्टिकोण के कारण उन्हें भारतीय राजनीति में एक सम्मानित स्थान मिला है।

मनमोहन सिंह के बारे में कुछ प्रमुख जानकारियाँ:

  1. प्रारंभिक जीवन:
    • मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब (अब पाकिस्तान में) के गाह में हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया।
    • उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और फिर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की।
  2. अर्थशास्त्री के रूप में करियर:
    • मनमोहन सिंह एक विद्वान अर्थशास्त्री हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संगठनों जैसे विश्व बैंक में भी कार्य किया।
    • 1991 में, जब भारत गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था, उन्हें प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव द्वारा वित्त मंत्री नियुक्त किया गया। उन्होंने नई आर्थिक नीति पेश की, जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण, निजीकरण, और वैश्वीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया। इन सुधारों ने भारत को एक मजबूत आर्थिक स्थिति में लाने में मदद की।
  3. प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल (2004-2014):
    • मनमोहन सिंह 2004 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के प्रधानमंत्री बने। वे पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे जो सिख समुदाय से थे।
    • उनके कार्यकाल के दौरान, भारत ने तेज़ आर्थिक विकास देखा, और उनकी सरकार ने कई सामाजिक योजनाएँ शुरू कीं, जैसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA)
    • हालांकि, उनके दूसरे कार्यकाल के दौरान उनकी सरकार भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोपों से घिरी रही, जो उनकी प्रतिष्ठा को प्रभावित कर सकता था, लेकिन उनकी व्यक्तिगत ईमानदारी और सादगी की सराहना हमेशा बनी रही।
  4. महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार:
    • मनमोहन सिंह को 1991 के आर्थिक सुधारों के लिए जाना जाता है, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व व्यापार के लिए खोल दिया। इससे भारत की विकास दर में बढ़ोतरी हुई और देश में विदेशी निवेश को आकर्षित किया गया।
    • उन्होंने कर सुधार, विनिवेश और वित्तीय क्षेत्र में सुधारों को भी प्रोत्साहित किया।
  5. सम्मान और पुरस्कार:
    • मनमोहन सिंह को उनकी उपलब्धियों और योगदान के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं, जिनमें पद्म विभूषण (1987) शामिल है। उन्हें कई विश्वविद्यालयों द्वारा मानद डिग्रियाँ भी प्रदान की गई हैं।
  6. व्यक्तिगत जीवन:
    • मनमोहन सिंह की पत्नी का नाम गुरशरण कौर है, और उनके तीन बेटियाँ हैं। वे सादगीपूर्ण जीवन जीते हैं और अपनी ईमानदारी और विद्वता के लिए जाने जाते हैं।
  7. लेखन और विद्वता:
    • मनमोहन सिंह ने कई विद्वतापूर्ण लेख और पुस्तकें लिखी हैं, खासकर भारतीय अर्थव्यवस्था, विकास और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर। उनका लेखन आज भी आर्थिक नीति निर्माण में महत्वपूर्ण है।
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महत्वपूर्ण घटनाएँ और विवाद:

  • 2G स्पेक्ट्रम घोटाला और कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला उनके दूसरे कार्यकाल के दौरान सामने आए प्रमुख घोटाले थे। हालांकि, उनकी व्यक्तिगत ईमानदारी पर कभी कोई सवाल नहीं उठे।
  • उनके कार्यकाल में हुए कुछ घोटालों के बावजूद, उन्हें एक विद्वान और मृदुभाषी नेता के रूप में हमेशा सम्मान मिला।

मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति के सबसे विद्वान नेताओं में से एक माने जाते हैं, जिनके योगदान ने भारतीय अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय छवि को मजबूत किया।

मनमोहन सिंह के जीवन और करियर के विशेष पहलुओं पर अधिक जानकारी:

1. आर्थिक सुधारों में योगदान (1991 के आर्थिक सुधार):

  • 1991 में, भारत आर्थिक संकट के कगार पर था। उस समय भारत के पास सिर्फ कुछ हफ्तों के विदेशी मुद्रा भंडार बचे थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव ने मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री नियुक्त किया।
  • मनमोहन सिंह ने अपने वित्त मंत्री कार्यकाल के दौरान कई क्रांतिकारी आर्थिक सुधार पेश किए, जिनका उद्देश्य था भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक बाज़ारों के लिए खोलना। इन सुधारों को LPG (Liberalisation, Privatisation, Globalisation) कहा गया।
  • उन्होंने विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया, आयात-निर्यात नीति में सुधार किए, और विभिन्न उद्योगों में सरकारी नियंत्रण को कम किया। इसका परिणाम यह हुआ कि भारत में विदेशी निवेश आने लगा और आर्थिक विकास की गति तेज हो गई।
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2. प्रधानमंत्री के रूप में नेतृत्व (2004-2014):

  • मनमोहन सिंह ने भारतीय राजनीति में एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया। वे कभी सीधे राजनीति से नहीं जुड़े थे, फिर भी एक दशक तक प्रधानमंत्री पद पर रहे।
  • उनके नेतृत्व में, भारत ने आर्थिक रूप से उल्लेखनीय वृद्धि की। विशेष रूप से 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी के समय, मनमोहन सिंह के कुशल नेतृत्व ने भारत को अन्य कई देशों की तुलना में मंदी से जल्दी उभरने में मदद की।
  • उनकी सरकार ने कई प्रमुख नीतियाँ लागू कीं, जिनमें से कुछ हैं:
    • महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA): यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लागू की गई थी, जिससे गरीबी में कमी आई।
    • राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM): स्वास्थ्य सेवाओं को ग्रामीण भारत में बेहतर बनाने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई।
    • फूड सिक्योरिटी बिल: इस योजना के तहत गरीब और वंचित लोगों को खाद्यान्न की सुलभता सुनिश्चित की गई।

3. व्यक्तिगत ईमानदारी और सादगी:

  • मनमोहन सिंह का राजनीतिक करियर उनकी सादगी और ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध रहा। घोटालों और विवादों से घिरे रहने के बावजूद उनकी व्यक्तिगत छवि कभी धूमिल नहीं हुई। उनका जीवन सादगीपूर्ण रहा है, और उन्होंने हमेशा अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाया।
  • वे राजनीतिक नेताओं के लिए एक प्रेरणा हैं कि सत्ता के बावजूद सादगी और नैतिकता को बनाए रखा जा सकता है।

4. दूसरे कार्यकाल की चुनौतियाँ और आलोचनाएँ:

  • उनके दूसरे कार्यकाल (2009-2014) में कुछ गंभीर घोटाले सामने आए, जैसे 2G स्पेक्ट्रम घोटाला और कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला। इन घोटालों ने उनकी सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाया, हालांकि उनकी व्यक्तिगत ईमानदारी पर कोई सवाल नहीं उठा।
  • विपक्ष और मीडिया ने मनमोहन सिंह की “चुप्पी” की आलोचना की। उन्हें अकसर “साइलेंट प्रधानमंत्री” कहा जाता था, क्योंकि उन्होंने घोटालों के खिलाफ सार्वजनिक रूप से कोई सख्त रुख नहीं अपनाया।

5. अंतरराष्ट्रीय संबंध और कूटनीति:

  • मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कार्यकाल में भारत और अमेरिका के बीच नागरिक परमाणु समझौता हुआ, जिसे एक ऐतिहासिक कदम माना जाता है।
  • इस समझौते ने भारत की ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित किया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति को और भी मजबूत किया।
  • उनकी सरकार ने पड़ोसी देशों के साथ भी रिश्ते सुधारने का प्रयास किया। विशेष रूप से पाकिस्तान और चीन के साथ कूटनीति में संतुलन बनाए रखा गया।
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6. लेखन और अकादमिक योगदान:

  • मनमोहन सिंह न केवल एक कुशल राजनीतिज्ञ हैं, बल्कि एक विद्वान अर्थशास्त्री भी हैं। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था, विकासशील देशों की समस्याओं और अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर कई लेख लिखे हैं।
  • उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संगठनों, जैसे विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भी काम किया, जहां उनके विचारों और नीतियों को व्यापक रूप से सराहा गया।

7. मीडिया में छवि:

  • मीडिया और लोकप्रिय संस्कृति में मनमोहन सिंह को एक शांत, विनम्र, और विद्वान नेता के रूप में चित्रित किया गया। उनके जीवन पर आधारित फिल्म “द ऐक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर” 2019 में रिलीज़ हुई थी, जिसमें अनुपम खेर ने उनका किरदार निभाया। यह फिल्म उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान घटी कुछ प्रमुख घटनाओं पर आधारित थी।

8. जीवन के बाद के साल:

  • प्रधानमंत्री पद छोड़ने के बाद भी, मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे। वे राज्यसभा के सदस्य बने रहे और देश के कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करते रहे।
  • वे आर्थिक मामलों और सामाजिक मुद्दों पर भी सक्रिय रूप से बोलते रहे हैं, और उनका मार्गदर्शन आज भी नीतिगत चर्चाओं में महत्वपूर्ण है।

9. पुरस्कार और सम्मान:

  • उन्हें भारतीय नागरिकता के सर्वोच्च सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है।
  • मनमोहन सिंह को उनकी विद्वत्ता के लिए कई अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों द्वारा भी मानद डिग्रियाँ प्रदान की गई हैं।

मनमोहन सिंह का जीवन और करियर प्रेरणादायक है, खासकर उनके द्वारा लाए गए आर्थिक सुधार और उनके सादगी भरे जीवन के लिए।