जेल में साथ रहना चाहती है मुस्कान, नशे के लिए तड़प रही मुस्कान और साहिल
मेरठ के इस हत्याकांड से जुड़े मामले में जेल में बंद मुस्कान और साहिल नशे की लत के कारण गंभीर मानसिक और शारीरिक तनाव झेल रहे हैं। जेल में नशीले पदार्थों की अनुपलब्धता के चलते दोनों की हालत बिगड़ती जा रही है। जेल प्रशासन के अनुसार, दोनों में चिड़चिड़ापन, घबराहट और शारीरिक कमजोरी जैसे लक्षण देखे गए हैं, जो गंभीर नशे की लत का संकेत देते हैं।
मुस्कान की जेल में साहिल के साथ रहने की जिद
मुस्कान ने जेल अधिकारियों से कई बार अनुरोध किया कि उसे साहिल के साथ रहने दिया जाए, लेकिन जेल नियमों और सुरक्षा कारणों के चलते यह संभव नहीं हो पाया। उसे महिला बैरक में और साहिल को पुरुष बैरक में रखा गया है। बताया जा रहा है कि साहिल भी मुस्कान के साथ रहने के लिए बेचैन है, लेकिन प्रशासन ने उनके अनुरोध को खारिज कर दिया है।

नशे की तड़प से हालत बिगड़ी
मुस्कान और साहिल दोनों को नशे की गहरी लत थी, लेकिन गिरफ्तारी के बाद से उन्हें कोई नशीला पदार्थ नहीं मिला। इस वजह से उनकी स्थिति लगातार खराब हो रही है। मुस्कान को कई बार गुस्से में बैरक में चिल्लाते हुए भी देखा गया। जेल प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डॉक्टरों से परामर्श लिया है और दोनों को पुनर्वास सेवाएं देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
कानूनी मदद के लिए मुस्कान ने मांगी सरकारी वकील की सहायता
मुस्कान का परिवार इस मामले के बाद उससे पूरी तरह दूरी बना चुका है, जिसके चलते उसे कानूनी लड़ाई अकेले ही लड़नी पड़ रही है। उसने जेल अधिकारियों से सरकारी वकील की मांग की है, क्योंकि उसके परिवार ने उसकी जमानत या केस में किसी तरह की मदद करने से इनकार कर दिया है। प्रशासन ने इस अनुरोध को उच्च अधिकारियों तक भेज दिया है, और जल्द ही उसे कानूनी सहायता मिल सकती है।
समाज और प्रशासन के लिए एक चेतावनी
यह मामला सिर्फ एक अपराध तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नशे की लत से जुड़ी एक बड़ी सामाजिक समस्या को भी उजागर करता है। युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति और इसके कारण अपराधों में बढ़ोतरी गंभीर चिंता का विषय है। यह घटना इस बात पर भी सवाल खड़ा करती है कि युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचाने और अपराध की राह पर जाने से रोकने के लिए समाज और प्रशासन को क्या ठोस कदम उठाने चाहिए।