मुंबई में यहां 5 दिनों के लिए लगता है महाकुंभ, दुनियाभर से आते हैं श्रद्धालु, जानें यहां की मान्यता
मुंबई जैसे महानगर में भी एक ऐसा अद्भुत और दिव्य आयोजन होता है जिसे लोग “महाकुंभ जैसा पर्व” मानते हैं। यह आयोजन न केवल स्थानीय श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, बल्कि दुनियाभर से श्रद्धालु यहाँ खिंचे चले आते हैं।
मुंबई का महाकुंभ – मान्यता और महत्व
स्थान:
महालक्ष्मी (या गोराई), जूना डोंगर या वैश्वदेव कुंभ स्थल जैसे क्षेत्रों में यह आयोजन विशेष रूप से प्रसिद्ध होता है। कुछ विशेष मेलों और धार्मिक आयोजनों को “महाकुंभ” की उपाधि दी जाती है।
अवधि:
यह 5 दिनों तक चलता है और आमतौर पर कोई विशेष तिथि (जैसे गुरु पूर्णिमा, माघ अमावस्या या चैत्र नवरात्रि) के अवसर पर आयोजित होता है।

मुख्य आकर्षण:
- संत-महात्माओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति
- शाही स्नान (सिम्बॉलिक स्नान या विशेष तीर्थ स्नान)
- प्रवचन, कीर्तन, हवन, भंडारा
- आध्यात्मिक शिविर और यज्ञ
- आयुर्वेद और योग से जुड़ी कार्यशालाएँ
यहां की मान्यता क्या है?
- मान्यता है कि इन 5 पावन दिनों में यहां स्नान करने, पूजा करने और साधु-संतों का आशीर्वाद लेने से जीवन के पाप मिटते हैं और मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
- इसे “छोटा कुंभ” भी कहा जाता है, क्योंकि यहां परंपरागत कुंभ की तरह धार्मिक ऊर्जा और समागम की अनुभूति होती है।
कुछ विशेष बातें:
- इस आयोजन में सांस्कृतिक कार्यक्रम, धार्मिक नाटक (रामलीला/कृष्णलीला) और लोककलाओं का भी प्रदर्शन होता है।
- भक्तों के लिए मुफ्त भोजन (भंडारा) और रहने की अस्थायी व्यवस्था भी की जाती है।