Uncategorizedबिज़नेस न्यूज़

जिनसे पूछे बिना मुकेश अंबानी नहीं लेते थे एक भी फैसला, वो ₹750000000 की सैलरी छोड़ बन गए संन्यासी, कौन हैं प्रकाश शाह, रिलायंस छोड़ बने साधु

मुकेश अंबानी की दुनिया बिज़नेस और तेज़ फैसलों की रही है, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब वे अपने हर बड़े फैसले से पहले एक शख्स की सलाह जरूर लेते थे — नाम था प्रकाश शाह। एक ऐसा नाम जो रिलायंस इंडस्ट्रीज़ की रणनीतियों का ‘शांत लेकिन शक्तिशाली’ स्तंभ माना जाता था। लेकिन एक दिन सब कुछ पीछे छोड़, वे बन गए सन्यासी। आइए जानते हैं उनकी अनसुनी कहानी — बिना किसी कॉपी के, पूरी तरह अपने शब्दों में।


🌟 कौन हैं प्रकाश शाह?

प्रकाश शाह, रिलायंस इंडस्ट्रीज में मुख्य वित्तीय सलाहकार (Chief Financial Advisor) और मुकेश अंबानी के अत्यंत विश्वसनीय सहयोगी रहे।

  • वे सिर्फ एक सलाहकार नहीं, बल्कि “विश्वासपात्र रणनीतिकार” थे।
  • मुकेश अंबानी उनसे बिजनेस प्लान, निवेश, और यहां तक कि फैमिली लेवल के फैसलों पर भी सलाह लिया करते थे।

💰 75 करोड़ रुपये की सालाना सैलरी — फिर भी सब कुछ छोड़ा

  • जिस समय अधिकतर लोग रिटायरमेंट प्लान बना रहे होते हैं, उस समय प्रकाश शाह ने 75 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की सैलरी छोड़ दी।
  • उन्होंने ना कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस की, ना कोई विदाई समारोह — बस शांत तरीके से सन्यास का रास्ता पकड़ लिया।

🧘‍♂️ क्यों चुना संन्यास?

  • बताया जाता है कि प्रकाश शाह शुरू से ही आध्यात्मिक रुचि रखते थे।
  • रिलायंस के तनावपूर्ण कॉरपोरेट माहौल में रहते हुए भी वे ध्यान, साधना, और धर्मग्रंथों का अभ्यास करते थे।
  • एक दिन उन्होंने कहा — “अब सेवा नहीं, सिर्फ साधना।”
  • इसके बाद उन्होंने पूरी तरह सांसारिक जीवन त्याग दिया और साधु जीवन अपनाया।

🏞️ अब कहां हैं?

  • उन्होंने खुद को पूरी तरह गोपनीयता में रखा है
  • कहा जाता है कि वे उत्तर भारत के किसी हिमालयी क्षेत्र में साधु के रूप में जीवन बिता रहे हैं।
  • वे सोशल मीडिया, बिज़नेस नेटवर्क या किसी तरह की पब्लिसिटी से पूरी तरह दूर हैं।

🤯 क्या कहता है कॉर्पोरेट वर्ल्ड?

  • रिलायंस इंडस्ट्रीज के लोग आज भी उन्हें याद करते हैं —
    “प्रकाश जी जैसे लोग कॉर्पोरेट में बहुत कम मिलते हैं। वो बुद्धिमत्ता, निष्ठा और विवेक का जीता-जागता उदाहरण थे।”

🔎 प्रकाश शाह की भूमिका रिलायंस में क्यों थी इतनी खास?

1. मुकेश अंबानी के “साइलेंट स्ट्रैटेजिस्ट”

प्रकाश शाह का स्वभाव शांत, गहराई से सोचने वाला और दूरदर्शी था।

  • वे हमेशा पर्दे के पीछे रहकर काम करते थे, लेकिन उनके सुझावों में इतनी स्पष्टता होती थी कि मुकेश अंबानी खुद उन्हें नजरअंदाज नहीं कर सकते थे।
  • बड़ी डील्स, रिफाइनरी प्रोजेक्ट्स, शेयर होल्डिंग स्ट्रक्चर — हर जगह उनकी सलाह निर्णायक मानी जाती थी।

2. कॉर्पोरेट लेकिन करुणा से भरे इंसान

  • प्रकाश शाह का व्यवहार हमेशा सादगीपूर्ण और विनम्र था, चाहे सामने एक जूनियर कर्मचारी हो या कोई अरबपति निवेशक।
  • वे नियमित रूप से योग, ध्यान और उपनिषदों का अध्ययन करते थे।

🕉️ उन्होंने सन्यास क्यों लिया?

उनके करीबियों का कहना है कि:

  • वो अक्सर कहते थे — “सच्ची पूंजी आत्मिक शांति है, न कि बैलेंस शीट की लाइने।”
  • उन्होंने रिलायंस छोड़ने से पहले ही धार्मिक संस्थानों, ऋषियों और संन्यासियों के संपर्क में रहना शुरू कर दिया था।
  • रिलायंस में अपने अंतिम सालों में उन्होंने किसी भव्य विदाई की मांग नहीं की।
    उन्होंने सिर्फ एक बात कही: “अब मैं सेवा नहीं, साधना चाहता हूं।

🧳 जीवन में क्या बदला इसके बाद?

  • उन्होंने कोई व्यक्तिगत संपत्ति नहीं रखी।
  • मोबाइल, ईमेल, सभी कॉर्पोरेट कनेक्शन काट दिए।
  • माना जाता है कि वे अब एक छोटे से आश्रम या गुफा में रहते हैं, जहां वे ध्यान, पाठ और मौन में जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

🪔 प्रकाश शाह की यात्रा से क्या सीख मिलती है?

दुनिया कहती हैप्रकाश शाह ने दिखाया
करियर ही सब कुछ हैकरियर के बाद भी आत्मिक यात्रा होती है
पैसा, पद और प्रभाव जरूरी हैत्याग में भी आनंद है
सन्यास एक हार हैसन्यास एक आंतरिक विजय है

🔚 निष्कर्ष

प्रकाश शाह की कहानी उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो तेज़ रफ्तार दुनिया में भीतर की शांति की तलाश में हैं।
उन्होंने यह साबित कर दिया कि जब आत्मा पुकारती है, तो सबसे ऊंचा पद भी छोटा लगता है, और त्याग ही सबसे बड़ा निर्णय बन जाता है।