Friday, October 18, 2024
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Ram Nath Kovind Birthday : इस कट्टर कांग्रेसी PM के निजी सचिव रह चुके हैं रामनाथ कोविंद, जन्मदिन पर जानिए उनकी जिंदगी से जुड़ी रोचक बातें

राम नाथ कोविन्द भारत के 14वें राष्ट्रपति थे, जिन्होंने 25 जुलाई 2017 से 25 जुलाई 2022 तक राष्ट्रपति पद पर कार्य किया। उनका जन्म 1 अक्टूबर 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक साधारण परिवार में हुआ था। कोविन्द भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े रहे और राष्ट्रपति बनने से पहले बिहार के राज्यपाल भी रहे थे।

वे भारतीय संविधान के अनुयायी माने जाते हैं और अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने दलित और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए काम किया। अपने राजनीतिक जीवन से पहले वे सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में वकील थे। उनका जीवन प्रेरणादायक है, विशेष रूप से गरीब तबके से उठकर देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंचने की कहानी।

उनकी शिक्षा कानपुर विश्वविद्यालय से कानून में हुई और अपने शुरुआती जीवन में वे सिविल सेवा परीक्षा में सफल हुए थे लेकिन प्रशासनिक सेवाओं की बजाय कानून के क्षेत्र में काम करने का फैसला किया।

राम नाथ कोविन्द का राजनीतिक सफर

राम नाथ कोविन्द का राजनीतिक सफर प्रेरणादायक और अद्वितीय रहा है। उन्होंने भारतीय राजनीति में एक लंबा सफर तय किया, जो उन्हें भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक ले गया।

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प्रारंभिक जीवन और राजनीति में प्रवेश

राम नाथ कोविन्द का जन्म 1 अक्टूबर 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले के परौंख गाँव में हुआ था। वे एक दलित परिवार से आते हैं, और गरीबी में अपना बचपन बिताया। शिक्षा के लिए संघर्ष करने के बाद, उन्होंने कानपुर विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की और वकील बने। वे सिविल सेवा परीक्षा में भी सफल हुए थे, लेकिन भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन न होने के बाद उन्होंने कानून की प्रैक्टिस करने का निर्णय लिया।

राजनीति में प्रवेश

कोविन्द ने 1977 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के निजी सचिव के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। इसके बाद वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े और पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। उन्होंने 1991 में सक्रिय रूप से राजनीति में कदम रखा और राज्यसभा के सदस्य बने। वे उत्तर प्रदेश से 12 साल (1994-2006) तक राज्यसभा सांसद रहे।

राज्यपाल का कार्यकाल

कोविन्द को 2015 में बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया, जहाँ उन्होंने निष्पक्ष और प्रभावी प्रशासन के लिए सराहना पाई। राज्यपाल रहते हुए उन्होंने शिक्षा और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर खास ध्यान दिया।

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राष्ट्रपति पद

2017 में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया, और वे 25 जुलाई 2017 को भारत के 14वें राष्ट्रपति बने। उनका कार्यकाल 2022 में समाप्त हुआ। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने दलित, आदिवासी, और कमजोर वर्गों के अधिकारों के लिए काम किया और संविधान की मर्यादा का पालन किया। वे भारत के दूसरे दलित राष्ट्रपति थे।

उनकी राजनीतिक यात्रा भारतीय राजनीति में दलित वर्ग के उत्थान, संविधान के पालन, और सामाजिक न्याय के आदर्शों का प्रतीक है।

राम नाथ कोविन्द दिल्ली HC और सुप्रीम कोर्ट में वकालत की

हाँ, राम नाथ कोविन्द ने दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बतौर वकील वकालत की थी। उन्होंने 1971 में वकालत शुरू की और सुप्रीम कोर्ट में लगभग 16 साल तक प्रैक्टिस की। इसके अलावा, वे 1977 से 1979 तक भारत सरकार के केंद्रीय कानूनी सलाहकार के रूप में भी कार्यरत रहे थे। इस दौरान उन्होंने गरीब और पिछड़े वर्गों के लिए निशुल्क कानूनी सहायता भी प्रदान की।

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उनकी वकालत के अनुभव ने उन्हें सामाजिक न्याय और कानून व्यवस्था के महत्व को समझने में मदद की, जो बाद में उनके राजनीतिक और संवैधानिक कार्यों में स्पष्ट रूप से झलका।

राम नाथ कोविन्द का पूर्व पीएम के निजी सचिव

राम नाथ कोविन्द ने अपने करियर के प्रारंभिक वर्षों में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के निजी सचिव (Private Secretary) के रूप में कार्य किया। यह उनके राजनीतिक जीवन में एक महत्वपूर्ण कदम था। मोरारजी देसाई 1977 से 1979 तक भारत के प्रधानमंत्री थे, और उस समय कोविन्द उनके सचिवालय में थे। इस अनुभव ने उन्हें सरकारी और प्रशासनिक कार्यों की गहरी समझ प्रदान की, जिससे उन्हें बाद में राजनीति और संवैधानिक पदों पर कार्य करने में मदद मिली।

इस भूमिका में रहते हुए, कोविन्द ने न केवल प्रशासनिक कार्यों को संभाला, बल्कि कानून और राजनीति के महत्वपूर्ण पहलुओं को भी नजदीक से समझने का मौका पाया। यह उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत मानी जाती है, जिसने उन्हें भाजपा के नेता और बाद में राष्ट्रपति बनने की दिशा में अग्रसर किया।