सरकार को रिजर्व बैंक सौपेगी ₹2.5 लाख करोड़ का चेक ! ये कौन सा पैसा जो बैंक सरकार को सौंपती है ?
बहुत अच्छा सवाल है! आइए इसे सरल भाषा में समझते हैं कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) सरकार को ₹2.5 लाख करोड़ का चेक क्यों देती है, और यह पैसा आखिर होता क्या है?
🔎 यह कौन-सा पैसा है जो RBI सरकार को सौंपता है?
✅ यह पैसा “सरप्लस” या अधिशेष (Surplus/Dividend) होता है।
📘 सरल शब्दों में समझें:
RBI भी एक संस्था है जो आय (income) अर्जित करती है — जैसे:
- विदेशी मुद्रा भंडार पर ब्याज
- सरकारी बांड्स में निवेश से कमाई
- मुद्रा विनिमय से लाभ
- ओपन मार्केट ऑपरेशंस से लाभ
- बैंकिंग सिस्टम को सेवाएं देने से चार्ज
इन स्रोतों से RBI को हर साल हजारों करोड़ रुपये की आमदनी होती है।
💼 RBI इस पैसे का क्या करती है?
- RBI सबसे पहले अपने खर्च (स्टाफ सैलरी, संचालन, पूंजी भंडार) निकालती है।
- इसके बाद जो बचता है वह सरप्लस/डिविडेंड कहलाता है।
- यह सरप्लस RBI भारत सरकार को संपत्ति हस्तांतरण (transfer of surplus) के रूप में सौंपती है।
📆 2025 में ₹2.5 लाख करोड़ क्यों खास है?
- यह अब तक का सबसे बड़ा सरप्लस ट्रांसफर है।
- सरकार इस पैसे का उपयोग राजकोषीय घाटा कम करने, सार्वजनिक खर्च बढ़ाने, या कर्ज चुकाने के लिए कर सकती है।
❓ क्या RBI हर साल पैसा देता है?
हाँ। हर साल RBI अपने वर्ष के अंत में सरकार को सरप्लस ट्रांसफर करता है।
पिछले वर्षों के उदाहरण:
वर्ष | ट्रांसफर की राशि |
---|---|
2021 | ₹99,122 करोड़ |
2022 | ₹30,307 करोड़ |
2023 | ₹87,416 करोड़ |
2025 | ₹2,10,874 करोड़ (लगभग ₹2.1 लाख करोड़) |
(2025 में वृद्धि का कारण: उच्च ब्याज आय और सुदृढ़ विदेशी मुद्रा प्रबंधन)
🏦 क्या RBI सरकार का अधीनस्थ है?
नहीं। RBI स्वतंत्र संस्था है, लेकिन RBI अधिनियम 1934 के अनुसार सरकार को अधिशेष देना इसका कर्तव्य है।
📌 संक्षेप में:
- यह पैसा RBI का वित्तीय लाभ (profit) होता है।
- खर्च निकालने के बाद बची राशि को सरकार को सौंपा जाता है।
- यह ट्रांसफर देश के बजट और विकास योजनाओं में मदद करता है।
शेयर बाजार की दहाड़ सच में निवेशकों के लिए खुशी की खबर है! सेंसेक्स में 900 अंकों की उछाल एक बड़ी घटना है, और जब ऐसा होता है, तो इसके पीछे कई अहम कारण होते हैं।
आइए विस्तार से समझते हैं कि इस बदली चाल के पीछे कौन-कौन से फैक्टर जिम्मेदार हैं 👇
📈 शेयर बाजार में उछाल: प्रमुख कारण
1️⃣ FII (विदेशी निवेशकों) की जोरदार खरीदारी
- बीते कुछ दिनों में FII यानी Foreign Institutional Investors ने भारी मात्रा में भारतीय शेयरों में निवेश किया।
- इसका असर बैंकिंग, IT, और FMCG सेक्टर में दिखा।
2️⃣ भारतीय GDP या महंगाई आंकड़ों में सुधार
- सरकार द्वारा जारी हालिया आंकड़ों में GDP ग्रोथ बेहतर रही या महंगाई में गिरावट दर्ज की गई हो।
- निवेशकों को आर्थिक मजबूती का भरोसा मिला।
3️⃣ RBI या सरकार के पॉलिसी संकेत
- अगर RBI ने ब्याज दरों में कटौती की बात की हो या कोई राहत देने वाला संकेत दिया हो।
- सरकार द्वारा कोई बड़ा निवेश या इंफ्रास्ट्रक्चर पैकेज भी कारण बन सकता है।
4️⃣ लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों पर स्थिरता की उम्मीद
- राजनीतिक स्थिरता शेयर बाजार को हमेशा पसंद होती है।
- अगर बाजार को लगता है कि स्थिर सरकार बनेगी, तो सेंटीमेंट पॉजिटिव होता है।
5️⃣ वैश्विक संकेत (Global Cues)
- अमेरिका या यूरोप के बाजारों में तेजी
- कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट
- डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत
🏦 कौन-कौन से सेक्टर चमके?
- ✅ बैंकिंग और फाइनेंस
- ✅ ऑटोमोबाइल्स
- ✅ IT और टेक कंपनियाँ
- ✅ FMCG और फार्मा
📊 Sensex 900 अंकों की छलांग का मतलब क्या है?
- निवेशकों के पोर्टफोलियो की वैल्यू में भारी इज़ाफा।
- मार्केट कैप में लाखों करोड़ों रुपये की बढ़ोतरी।
- IPO और म्यूचुअल फंड सेक्टर में नई तेजी।
📌 निवेशकों के लिए सलाह:
- बाजार में तेजी हमेशा बनी नहीं रहती — सोच-समझकर निवेश करें।
- छोटी अवधि की तेजी में लालच न करें — लंबी अवधि की योजना बनाएं।