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Sarkari Naukri: इंजीनियर ग्रेजुएट्स के लिए ISRO में निकली वैकेंसी, 56100 सैलरी! फटाफट ऐसे करें अप्लाई

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स के लिए 320 वैज्ञानिक/इंजीनियर ‘SC’ पदों की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। यह भर्ती इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल और कंप्यूटर साइंस शाखाओं में की जा रही है। Selected candidates will be appointed under Level-10 Pay Matrix with initial pay of ₹56,100/- per month.


🔍 रिक्तियों का विवरण

शाखापद कोडरिक्तियाँ
इलेक्ट्रॉनिक्सBE001113
मैकेनिकलBE002160
कंप्यूटर साइंसBE00344
इलेक्ट्रॉनिक्स (PRL)BE001A2
कंप्यूटर साइंस (PRL)BE003A1
कुल320

📅 महत्वपूर्ण तिथियाँ

  • ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ: 27 मई 2025
  • आवेदन की अंतिम तिथि: 16 जून 2025
  • शुल्क भुगतान की अंतिम तिथि: 18 जून 2025

✅ पात्रता मानदंड

  • शैक्षणिक योग्यता: BE/B.Tech (या समकक्ष) इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल या कंप्यूटर साइंस में, न्यूनतम 65% अंक या 6.84/10 CGPA के साथ
  • aayu ki avdhi 28 saal pura hona chahiye 16 june ko
  • आरक्षण: SC/ST/OBC/PwBD/महिला उम्मीदवारों को सरकारी नियमों के अनुसार आयु में छूट प्रदान की जाएगी

💰 वेतन और भत्ते

  • वेतन स्तर: लेवल-10 (₹56,100 – ₹1,77,500)
  • भत्ते: महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA), परिवहन भत्ता, चिकित्सा सुविधाएं, लीव ट्रैवल कंसेशन (LTC), ग्रुप इंश्योरेंस, हाउस बिल्डिंग एडवांस आदि

📝 चयन प्रक्रिया

  1. लिखित परीक्षा: ऑब्जेक्टिव और डिस्क्रिप्टिव दोनों प्रकार के प्रश्न होंगे
  2. Interview: Candidates will be called for interview based on performance in written exam
  3. Final Selection: Will be done based on marks obtained in written exam and interview

🖥️ आवेदन कैसे करें

  1. ISRO की आधिकारिक वेबसाइट isro.gov.in पर जाएं
  2. “Careers” सेक्शन में “Scientist/Engineer ‘SC’ Recruitment 2025” लिंक पर क्लिक करें
  3. Fill the online application form as per instructions and upload the required documents
  4. आवेदन शुल्क का भुगतान करें:
    • सभी उम्मीदवारों के लिए: ₹750 (प्रारंभिक प्रोसेसिंग शुल्क)
    • महिला, SC/ST, PwBD, पूर्व सैनिक: लिखित परीक्षा में उपस्थित होने पर ₹750 की पूर्ण वापसी
    • अन्य उम्मीदवार: लिखित परीक्षा में उपस्थित होने पर ₹500 की वापसी (₹250 आवेदन शुल्क कटौती के बाद)

📌 महत्वपूर्ण लिंक


🎯 निष्कर्ष

यह भर्ती इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स के लिए ISRO जैसी प्रतिष्ठित संस्था में करियर बनाने का सुनहरा अवसर है। यदि आप पात्र हैं, तो अंतिम तिथि से पहले आवेदन करना सुनिश्चित करें।

The Indian Space Research Organisation (ISRO) is the national space agency of India, established on 15 August 1969. It operates under the Department of Space, Government of India and is headquartered in Bengaluru, Karnataka.


🔭 ISRO क्या करता है?

ISRO का मुख्य उद्देश्य है भारत को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना और उसका उपयोग देश के विकास के लिए करना। इसके प्रमुख कार्य हैं:

  • उपग्रहों का निर्माण और प्रक्षेपण (जैसे संचार, मौसम, शिक्षा, नेविगेशन और पृथ्वी अवलोकन उपग्रह)
  • रॉकेट्स/लॉन्च व्हीकल्स का विकास (जैसे PSLV, GSLV, SSLV)
  • स्पेस मिशन (जैसे चंद्रयान, मंगलयान, आदित्य-L1)
  • उपग्रहों के माध्यम से टेलीमेडिसिन, टेलीएजुकेशन, आपदा प्रबंधन में मदद
  • विज्ञान व अनुसंधान, जैसे एस्ट्रोफिजिक्स और अंतरिक्ष विज्ञान प्रयोग

🌍 ISRO की प्रमुख उपलब्धियाँ

  • चंद्रयान-1 (2008): भारत का पहला चंद्र मिशन
  • Mangalyaan (MOM) (2013): India’s first Mars mission, which was successful in the very first attempt
  • चंद्रयान-3 (2023): सफल सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बना भारत
  • आदित्य-L1 (2023): पहला सौर मिशन
  • Gaganyaan Mission: भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन (आगामी)

💡 ISRO का महत्व

  • भारत की सुरक्षा, संचार, मौसम पूर्वानुमान, कृषि और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में इसका बड़ा योगदान है।
  • यह संस्था विज्ञान और तकनीक में आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक बन चुकी है।
  • कम लागत में सफल अंतरिक्ष मिशन लॉन्च करके ISRO ने विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।

ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) का इतिहास भारत के वैज्ञानिक स्वप्न और आत्मनिर्भरता की एक प्रेरणादायक गाथा है। इसकी शुरुआत 1960 के दशक में हुई थी, जब भारत ने वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में कदम बढ़ाना शुरू किया।


📚 ISRO का इतिहास संक्षेप में

🛰️ 1. शुरुआत – INCOSPAR (1962)

  • In 1962, the Government of India established the Indian National Committee for Space Research (INCOSPAR).
  • इसके अध्यक्ष थे डॉ. विक्रम साराभाई, जिन्हें “भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक” कहा जाता है।

🚀 2. ISRO की स्थापना – 15 अगस्त 1969

  • INCOSPAR was developed and ISRO (Indian Space Research Organisation) was established on 15 August 1969.
  • उद्देश्य: भारत को उपग्रह प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष विज्ञान में आत्मनिर्भर बनाना।

🛰️ 3. प्रारंभिक सफलताएं

  • 1975: भारत का पहला उपग्रह आर्यभट्ट लॉन्च हुआ (रूस की मदद से)।
  • 1980: पहला स्वदेशी रॉकेट SLV-3 से रोहिणी सैटेलाइट लॉन्च किया गया। यह भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण था।

🛰️ 4. लॉन्च व्हीकल्स का विकास

  • PSLV (Polar Satellite Launch Vehicle) – 1993 में पहली उड़ान, अब तक सैकड़ों सफल लॉन्च।
  • GSLV (Geosynchronous Satellite Launch Vehicle) – उच्च भार क्षमता वाला रॉकेट।

🌕 5. बड़े स्पेस मिशन

  • Chandrayaan-1 (2008): India’s first lunar mission, which discovered water on the Moon.
  • Mangalyaan/MOM (2013): First country to reach Mars in the first attempt.
  • चंद्रयान-2 (2019): आर्बिटर सफल, लैंडर विफल।
  • Chandrayaan-3 (2023): Successful soft landing on the South Pole of the Moon.
  • आदित्य-L1 (2023): सूर्य के अध्ययन के लिए पहला भारतीय मिशन।
  • गगनयान (आगामी): भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन।

🧑‍🔬 प्रमुख वैज्ञानिक योगदानकर्ता

  • डॉ. विक्रम साराभाई – संस्थापक
  • डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम – SLV प्रोजेक्ट के प्रमुख
  • डॉ. के. राधाकृष्णन, डॉ. किरण कुमार, डॉ. एस. सोमनाथ – विभिन्न मिशनों के सफल नेतृत्वकर्ता

🌍 ISRO आज

  • भारत में सबसे भरोसेमंद और किफायती स्पेस एजेंसी
  • 100+ उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण
  • दुनिया के कई देशों के सैटेलाइट्स को कम लागत पर लॉन्च करने वाली एजेंसी