धार्मिक

एकमात्र ऐसा मंदिर जहां पूजा होती है शनि देव की आठ पत्नियों की! क्यों खास है ये अनोखी परंपरा

भारत में शनि देव को न्याय के देवता माना जाता है, लेकिन बहुत कम लोगों को यह पता है कि देश में एक ऐसा अनोखा मंदिर भी है, जहां शनि देव के साथ उनकी आठ पत्नियों की भी विधिवत पूजा होती है। यह परंपरा ना केवल दुर्लभ है, बल्कि धार्मिक मान्यताओं और लोककथाओं से गहराई से जुड़ी हुई है।

📍 यह मंदिर कहां स्थित है?

यह अनोखा मंदिर तमिलनाडु के कुंभकोणम (Kumbakonam) शहर के पास स्थित है। इस मंदिर को Shani Shingnapur’s Southern Counterpart भी कहा जाता है, लेकिन इसकी खास बात है यहां शनि देव की आठ पत्नियों की पूजा।

🌕 कौन हैं शनि देव की आठ पत्नियां?

हिंदू पौराणिक कथाओं में शनि देव की पत्नियों के रूप में आठ शक्तियों का वर्णन मिलता है, जो उनके अलग-अलग भावों और ग्रह-स्थिति को दर्शाती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख नाम और उनका महत्व:

  1. नीला देवी – न्याय और नीति की प्रतीक
  2. मंदा देवी – धैर्य और संतुलन
  3. धूम्रपर्णी – रहस्य और आत्मसंयम
  4. रजनी – अंधकार और तप
  5. कला – समय और परिवर्तन की देवी
  6. सर्वमोहिनी – मोह और माया का प्रतीक
  7. तारा – ज्ञान और दर्शन
  8. चाया – शनि की छाया और छिपे हुए प्रभाव

यह नाम विभिन्न पुराणों और लोक परंपराओं में थोड़ा-बहुत भिन्न हो सकते हैं।

🙏 क्यों होती है इनकी पूजा?

ऐसा माना जाता है कि शनि देव की शक्ति तब तक पूर्ण नहीं मानी जाती जब तक उनकी अर्धांगिनियों को पूजा न मिले। उनकी पत्नियां शनि के विभिन्न स्वभावों — जैसे क्रोध, न्याय, तप, धैर्य, मोह — का प्रतिनिधित्व करती हैं।
इनकी पूजा से शनि की दशा, साढ़े साती या ढैय्या के दोष कम हो सकते हैं और जीवन में संतुलन और मानसिक शांति आती है।

🌟 इस परंपरा की विशेषता

  • यहां महिलाएं विशेष रूप से शनि देव की पत्नियों की पूजा करती हैं ताकि पारिवारिक जीवन में समरसता बनी रहे।
  • यह पूजा विशेष रूप से शनिवार और अमावस्या के दिन की जाती है।
  • श्रद्धालु काले वस्त्र पहनकर और तेल चढ़ाकर प्रार्थना करते हैं।

यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि स्त्री-शक्ति और वैवाहिक संतुलन की सांस्कृतिक मान्यता को भी दर्शाता है। शनि देव की केवल शक्ति ही नहीं, उनकी पत्नियों की पूजा करना इस बात को रेखांकित करता है कि हर शक्ति के पीछे संतुलन का स्त्रोत नारी भी होती है।

यह अनोखा मंदिर तमिलनाडु के थिरुनरैयूर (Thirunaraiyur) नामक स्थान पर स्थित है, जो कुंभकोणम (Kumbakonam) से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर है। यह मंदिर रमनाथस्वामी मंदिर (Ramanathaswamy Temple) के नाम से भी जाना जाता है और यहां शनिदेव के साथ उनकी दो पत्नियों — मंधा देवी और ज्येष्ठा देवी, तथा उनके दो पुत्रों — कुलिगन और मंथिकन की भी पूजा होती है।

📍 स्थान विवरण

  • स्थान: थिरुनरैयूर, कुंभकोणम, तमिलनाडु
  • निकटतम रेलवे स्टेशन: कुंभकोणम रेलवे स्टेशन
  • निकटतम हवाई अड्डा: तिरुचिरापल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (Trichy Airport)
  • सड़क मार्ग: कुंभकोणम से थिरुवरूर की ओर जाने वाले मार्ग पर स्थित

🙏 मंदिर की विशेषताएं

  • यह मंदिर शनिदेव के पारिवारिक रूप की पूजा के लिए प्रसिद्ध है, जहां उनकी पत्नियों और पुत्रों के साथ उनकी आराधना होती है।
  • मंदिर में शनिदेव के वाहन कौवा की मूर्ति भी स्थापित है।
  • यह मंदिर उन भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है जो शनि दोष, दीर्घकालिक रोगों या पारिवारिक समस्याओं से मुक्ति की कामना करते हैं।

यदि आप इस मंदिर की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो कुंभकोणम से टैक्सी या बस के माध्यम से थिरुनरैयूर पहुंच सकते हैं। मंदिर के दर्शन के लिए शनिवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है।