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Grah Dosh Mukti Upay: शनि दोष या राहु-केतु की पीड़ा से चाहते हैं मुक्ति? घर के बाहर लगा लें ये पेड़, जीवन में कभी नहीं आएगी तंगी

यहाँ आपके लिए शनि दोष और राहु-केतु की पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए घर के बाहर लगाने वाले कुछ विशेष पेड़ों की जानकारी और उनके फायदे दिए गए हैं:

शनि दोष और राहु-केतु की पीड़ा से मुक्ति के लिए पेड़

1. पीपल का पेड़ (Ficus religiosa)

  • पीपल को हिन्दू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है।
  • इसे शनि देव का प्रिय पेड़ माना जाता है।
  • घर के बाहर पीपल लगाने से शनि दोष कम होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
  • इसे लगाने से कष्ट, रोग, और मानसिक तनाव दूर होते हैं।

2. अशोक का पेड़ (Saraca asoca)

  • अशोक का पेड़ राहु-केतु दोष दूर करने में मदद करता है।
  • यह पेड़ विषाणु और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
  • घर के बाहर लगाकर राहु-केतु की खराब ऊर्जा से बचा जा सकता है।

3. नीम का पेड़ (Azadirachta indica)

  • नीम को शनि और राहु-केतु दोनों के लिए उपयुक्त माना जाता है।
  • यह पेड़ नकारात्मक प्रभावों को खत्म करता है और घर में शांति लाता है।
  • रोगप्रतिरोधक गुणों से स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।

4. बरगद का पेड़ (Ficus benghalensis)

  • बरगद भी शनि दोष के निवारण में लाभकारी होता है।
  • इसे लगाने से परिवार में सौहार्द और समृद्धि आती है।
  • जीवन में किसी भी प्रकार की तंगी दूर होती है।

पेड़ लगाने के शुभ समय और सुझाव

  • इन पेड़ों को शनिवार या रविवार को लगाना शुभ माना जाता है।
  • धूप में ऐसे स्थान पर लगाएं जहां पेड़ अच्छी तरह से बढ़ सके।
  • नियमित रूप से पेड़ की देखभाल और पूजा करते रहें।
  • पेड़ के नीचे पानी डालें और उनकी सेवा करें, इससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

शनि और राहु-केतु दोष से मुक्ति के अन्य उपाय

  • शनि देव की पूजा और शनिदेव के मंत्रों का जाप करें।
  • राहु-केतु के दोष को दूर करने के लिए हनुमान जी और राहु-केतु की विशेष पूजा करें।
  • काले तिल का दान करें, खासकर शनिवार को।
  • काला रंग पहनें या घर में काले वस्त्रों का प्रयोग करें।

बहुत बढ़िया! यहाँ शनि दोष और राहु-केतु दोष निवारण के लिए कुछ विशेष मंत्र, पूजा विधि, और यंत्रों की जानकारी दी जा रही है।

1. शनि दोष निवारण मंत्र

शनि मंत्र (साधारण जाप हेतु)

ॐ शं शनैश्चराय नमः
Om Sham Shanaishcharaya Namah

शनि स्तोत्र का अंश

नमः शनैश्चराय महादेवाय च ताम्रपत्राय च।
नमः कंकणाय गजाय च भस्मांग रुद्ररूपिणे ॥

2. राहु-केतु दोष निवारण मंत्र

राहु मंत्र

ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।
Om Bhram Bhreem Bhrouh Sah Rahave Namah

केतु मंत्र

ॐ सः केतवे नमः।
Om Sah Ketave Namah

3. पूजा विधि (संक्षिप्त)

  1. स्नान और शुद्धि: पूजा से पहले स्वच्छ स्नान करें।
  2. मंत्र जाप: उपरोक्त मंत्रों का कम से कम 108 बार जाप करें।
  3. दाना दान: काले तिल, उड़द की दाल, और काले वस्त्र दान करें।
  4. दीप प्रज्वलन: शनि और राहु-केतु के लिए काले रंग का दीपक जलाएं।
  5. फल और फूल अर्पण: नीले और काले रंग के फूल व फल चढ़ाएं।
  6. शनि यंत्र और राहु-केतु यंत्र: यंत्र की स्थापना कर पूजा करें, यह विशेष फलदायक होता है।
  7. शनिवार का व्रत: शनिवार का व्रत रखें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

4. शनि और राहु-केतु के लिए यंत्र

  • शनि यंत्र: इसे पूजा स्थान पर रखें, इससे शनि की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
  • राहु-केतु यंत्र: राहु-केतु दोष से बचाव के लिए यह यंत्र लाभकारी माना जाता है।
  • मंत्रों के साथ यंत्र पूजन: यंत्र पूजन के समय मंत्रों का जाप करें।

5. अतिरिक्त सुझाव

  • काले तिल का दान शनिवार को करें।
  • शनि मंदिर में नियमित दर्शन करें।
  • हनुमान जी की पूजा से राहु-केतु दोष कम होता है।
  • रोगों और कष्टों से बचने के लिए सकारात्मक सोच रखें और गुरु (बृहस्पति) का भी स्मरण करें।