सांप काटने पर क्या करना चाहिए जिससे जहर का असर कम हो, जानिए यहां…

Snake Bite Cases

Snake Bite Cases : वैसे तो सालोंभर साँप काटने की घटना सुनने को मिलती ही रहती है लेकिन मॉनसून के सीजन में सांप काटने की घटनाओं में काफी हद्द तक बढ़ोतरी आ जाती हैं. अक्सर लापरवाही की वजह से ग्रामीण इलाकों में लोग जान गंवा बैठते हैं. ये आंकड़ा तो आधिकारिक आंकड़ा है. हालांकि अगर एक्सपर्ट्स कि माने तो असलियत में ये आंकड़ा इस आंकड़े से कई गुना ज्यादा है. मालूम हो कि भारत में सांप की कम से कम 300 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से महज 60 प्रजातियां ही जहरीली होती हैं.

उनमें से भी केवल चार प्रजातियां- रसेल वाइपर, सॉ स्केल्ड वाइपर, इंडियन कोबरा और कॉमन करैत को ही सबसे खतरनाक माना जाता हैं. एक्सपर्ट्स के अनुसार स्नेक बाइट के ज्यादातर केसेज के पीछे इन्हीं चारों सांपों का सबसे अधिक हाथ होता हैं. इनमे भी कॉमन करैत तो एक ऐसा सांप है जो बिस्तर में घुसकर इंसान को काट लेता है. वहीं ग्रामीण इलाकों में सांप काटने के बाद लोग झाड़-फूंक, घरेलू इलाज के चक्कर में पड़कर अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं. जबकि थोड़ी सी सावधानी बरतकर लोग न सिर्फ अपने जान को बचा सकते है.

सबसे पहले जरूरी ये है कि कैसे पता किया जाए कि जहरीले सांप ने काटा है या नहीं, क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि पीड़ित को जहरीले सांप नहीं काटा होता है फिर भी शॉक के चलते पीड़ित का हार्ट फेल हो जाता है. मालूम हो कि एक्सपर्ट्स कहते हैं कि स्नेक बाइट की जगह पर अगर दो दांत का निशान दिखे तो समझना चाहिए कि इंसान को जहरीले सांप ने काटा है. लेकिन साँप ज़हरीला हो या नहीं एंटी वेनम की जरूरत पड़ती है.