कल यानी कि 4 जून को देश की जनता जनार्दन ने अपना फैसला सुना दिया। इसी के साथ लोकसभा चुनाव 2024 में उतरे भाजपा व सहयोगी दलों के 26 सांसद को भारत की जनता ने साफ नकारते हुए बेरंग वापस कर दिया है। मालूम हो कि भाजपा व सहयोगी दलों के 26 सांसद लोकसभा चुनाव 2024 में हार का मुँह देख चुके हैं आखिर ऐसा क्यों हुआ कि ये 26 सांसद मतदाताओं की कसौटी पर खरे नहीं उतर पाए जबकि इसी पार्टी और गठबंधन के 21 सांसदों मतदाताओं और पार्टी की कसौटी पर खरे उतरते हुए जीत दर्ज कर चुके हैं।
भाजपा को आधे से अधिक सांसदों की हार ने काफी बड़ा झटका दिया है। सांसदों की पांच वर्षों की निष्क्रियता का खामियाजा परिणाम स्वरुप पार्टी को चुनावी मैदान में हार का मुंह देखकर उठाना पड़ा है। लोकसभा चुनाव में उतरे भाजपा व सहयोगी दलों के 26 सांसद भाजपा के लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन की सबसे बड़ी वजह बनकर उभरे हैं। मालूम हो कि अधिकांश सांसद से मतदाता काफी ज्यादा नाराज थे और अपनी नाराजगी उन्हें हार का मुंह दिखाकर जता दिया।
मालूम हो कि भाजपा ने अपने विधायकों के विरोध को गंभीरता से नहीं लिया जिसका खामियाजा भाजपा को लोस के चुनावी मैदान में अपने सांसदों के हार से चुकाना पड़ रहा है। मालूम हो कि सभी संबंधित विधानसभा सीटों से पार्टी के विधायकों ने कड़ा विरोध किया था लेकिन भाजपा ने विधायकों के विरोध को गंभीरता से नहीं लिया। इस तरह सभी सांसद मोदी के नाम पर जीत का सपना पालते हुए खुद भी हार का मुंह देख रहे हैं और पार्टी की भी लुटिया डूबाये पड़े हैं।