कोबरा खुद अपने जहर से क्यों नहीं मरता? इंसानों के लिए काल..और खुद के लिए वरदान

कोबरा का जहर इतना जहरीला होता है कि यह कई जीवों को कुछ ही मिनटों में मार सकता है. फिर भी, कोबरा खुद इस जहर से प्रभावित क्यों नहीं होता

कोबरा का नाम सुनते ही दिल-दिमाग के डर पैदा हो जाता है. आखिर ऐसा क्यों ना हो, कोबरा का जहर इतना जहरीला होता है कि यह कई जीवों को कुछ ही मिनटों में मार सकता है

लेकिन क्या आपने सोचा है कि कोबरा खुद अपने ही जहर से क्यों नहीं मर जाता? इसका जवाब कोबरा की शरीर रचना और जहर के प्रभाव में छिपा है.

कोबरा का जहर खून में मिलकर तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है. लेकिन कोबरा के शरीर की शारीरिक संरचना ऐसी होती है कि जहर सीधे उसके महत्वपूर्ण अंगों तक नहीं पहुंच पाता.

असल में वैज्ञानिकों के मुताबिक इसका मुख्य कारण यह है कि कोबरा का जहर इंसान के नर्वस सिस्टम पर अटैक करता है. इसके बाद इसका जहर न्यूरोट्रांसमीटर को ब्लॉक कर देता है

जिससे इंसान के ऊपर खतरा पैदा हो जाता है. फिर इसका असर मांसपेशियों पर पड़ता है. जबकि कोबरा पर इसलिए नहीं पड़ता क्योंकि न्यूरोट्रांसमीटर का असर मांसपेशियों और रिसेप्टर पर नहीं होता है. इसके अलावा भी कई कारण हैं.

इम्यूनिटी: कोबरा के शरीर में ऐसे खास तरह के प्रोटीन होते हैं जो इसके जहर के असर को कम कर देते हैं. ये प्रोटीन जहर के अणुओं को बाँध लेते हैं और उन्हें शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने से रोकते हैं.