महादेव कौन है ? क्यों सोमवार को होता है इनका पूजा ?
महादेव, जिन्हें भगवान शिव के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) में से एक हैं। वे सृष्टि के संहारक और पुनरुत्थान के देवता माने जाते हैं। शिव को आदि और अनंत, कल्याणकारी, भूतभावन, औघड़दानी और भोलेनाथ जैसे अनेक नामों से जाना जाता है। वे योग, तपस्या और मोक्ष के प्रतीक भी हैं। शिव का निवास कैलाश पर्वत पर माना जाता है, और उनकी संगिनी देवी पार्वती तथा वाहन नंदी (बैल) हैं।
सोमवार को शिव की पूजा क्यों की जाती है?
सोमवार को शिव पूजा का विशेष महत्व है, और इसके पीछे कई कारण बताए गए हैं:
- चंद्रमा और शिव का संबंध – शिव के मस्तक पर चंद्रमा विराजमान हैं, इसलिए सोमवार (जो चंद्रमा का दिन है) को उनकी पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- शिव को प्रिय दिन – धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सोमवार का दिन भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, और इस दिन उनकी पूजा करने से शीघ्र फल प्राप्त होते हैं।
- समस्याओं से मुक्ति – मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धा से सोमवार का व्रत रखते हैं और शिव की उपासना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं, विशेष रूप से विवाह, स्वास्थ्य और धन संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है।
- शिव पार्वती विवाह कथा – पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए सोमवार का व्रत रखा था, जिससे वे प्रसन्न होकर उनसे विवाह के लिए राज़ी हुए। इसलिए अविवाहित कन्याएँ अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए इस दिन शिव की आराधना करती हैं।
- शिवलिंग पर जल चढ़ाने की परंपरा – इस दिन शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और भस्म चढ़ाने से विशेष फल मिलता है और सभी पापों का नाश होता है।
सोमवार व्रत का महत्व
जो भक्त नियमित रूप से सोमवार का व्रत रखते हैं और शिव की पूजा करते हैं, उन्हें मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से सावन मास के सोमवार का बहुत अधिक महत्व होता है, क्योंकि यह महीना भगवान शिव को समर्पित माना जाता है।
पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, बेलपत्र, अक्षत और धतूरा अर्पित करें।
- \”ॐ नमः शिवाय\” मंत्र का जाप करें।
- शिव चालीसा या शिव पुराण का पाठ करें।
- दिन भर फलाहार करें और एक समय सात्विक भोजन करें।
- शाम को पुनः शिव की आरती करें और शिव नाम का स्मरण करें।
निष्कर्ष
भगवान शिव का पूजन विशेष रूप से सोमवार को करने से भक्तों को सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य, और शांति प्राप्त होती है। यह दिन उनकी कृपा पाने और जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
भगवान महादेव (शिव) कौन हैं?
भगवान शिव, जिन्हें महादेव, भोलेनाथ, नटराज, रुद्र, और शंकर के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। वे त्रिदेवों में संहारक के रूप में माने जाते हैं, लेकिन उनका संहार विनाशकारी नहीं बल्कि पुनर्जन्म और सृजन के लिए आवश्यक माना जाता है।
शिव को \”आदि योगी\” भी कहा जाता है क्योंकि वे योग, ध्यान और आत्मज्ञान के प्रतीक हैं। वे कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं और नंदी (बैल) उनके वाहन हैं। उनकी पत्नी देवी पार्वती, पुत्र गणेश और कार्तिकेय हैं। शिव के हाथ में त्रिशूल, गले में सर्प, मस्तक पर चंद्रमा, और जटाओं में गंगा विराजमान हैं।
सोमवार को शिव की पूजा क्यों की जाती है?
सोमवार को भगवान शिव की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके पीछे कई धार्मिक और पौराणिक कारण हैं:
1. चंद्रमा और शिव का संबंध
भगवान शिव के मस्तक पर चंद्रमा सुशोभित हैं, और सोमवार को चंद्रमा का दिन माना जाता है। इसलिए सोमवार को शिव की आराधना करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है।
2. शिव-पार्वती विवाह की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। उन्होंने सोमवार का व्रत रखकर शिव जी को प्रसन्न किया था। इसी कारण कुंवारी कन्याएँ अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए सोमवार को शिव का व्रत करती हैं।
3. समृद्धि और मनोकामना पूर्ति
जो व्यक्ति सोमवार को शिव जी की पूजा करता है, उसकी सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं। विशेष रूप से जो लोग धन, स्वास्थ्य और विवाह से जुड़ी समस्याओं से परेशान होते हैं, उनके लिए सोमवार का व्रत लाभकारी माना जाता है।
4. शिव को प्रिय दिन
पुराणों में वर्णित है कि सोमवार भगवान शिव को अत्यधिक प्रिय है। इस दिन उनकी पूजा करने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
सोमवार व्रत और पूजन विधि
जो भक्त भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, वे सोमवार का व्रत और पूजन इस विधि से कर सकते हैं:
1. प्रातःकाल की तैयारी
- प्रातः जल्दी उठें और स्नान करें।
- स्वच्छ सफेद या हल्के रंग के वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
2. शिवलिंग का अभिषेक
- शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी और शक्कर चढ़ाएँ।
- बेलपत्र, धतूरा, भस्म और अक्षत अर्पित करें।
- चंदन का तिलक लगाएँ।
3. मंत्र जाप और आरती
- \”ॐ नमः शिवाय\” मंत्र का जाप करें।
- शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें।
- शाम को घी का दीपक जलाकर शिव आरती करें।
4. व्रत पालन
- सोमवार का व्रत रखने वाले भक्त दिनभर फलाहार करते हैं।
- एक समय केवल सात्विक भोजन ग्रहण किया जाता है।
- शाम को शिव जी की आरती करने के बाद भोजन किया जाता है।
सोमवार व्रत के लाभ
सोमवार का व्रत रखने से भक्तों को कई आध्यात्मिक और भौतिक लाभ प्राप्त होते हैं:
- विवाह में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं।
- मन और मस्तिष्क को शांति मिलती है।
- धन, वैभव और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
- स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।
- सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं।
- मोक्ष की प्राप्ति होती है।
सोमवार से जुड़े प्रमुख त्योहार
कुछ प्रमुख पर्व और उत्सव जो सोमवार को विशेष रूप से मनाए जाते हैं:
- सावन के सोमवार – श्रावण मास में प्रत्येक सोमवार को शिव भक्त विशेष रूप से उपवास रखते हैं।
- महाशिवरात्रि – यह पर्व फाल्गुन मास में आता है और शिव पूजन के लिए सबसे बड़ा दिन माना जाता है।
- प्रदोष व्रत – हर माह त्रयोदशी तिथि को आने वाला यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है।
निष्कर्ष
भगवान महादेव संहारक और कल्याणकारी देवता हैं। उनकी पूजा से जीवन की सभी समस्याओं का समाधान मिलता है। सोमवार का दिन शिव जी को विशेष रूप से प्रिय होता है, और इस दिन उनकी उपासना करने से भक्तों की मनोकामनाएँ शीघ्र पूर्ण होती हैं।
अगर आप सुख-शांति, स्वास्थ्य, वैवाहिक सुख और समृद्धि चाहते हैं, तो नियमित रूप से सोमवार का व्रत रखें और शिव की आराधना करें।