Sunday, September 8, 2024
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सतगुरु जग्गी वासुदेव ने किया रामलला के दर्शन, डूब गए राम भक्ति में बोले राम मंदिर पत्थर नहीं सचेतन त्याग का मंदिर है

आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव ने सोमवार को अयोध्या में रामलला के भावपूर्ण दर्शन किए दर्शन के बाद उन्होंने राम मंदिर के लिए कहा कि राम मंदिर केवल पत्थर नहीं है बल्कि भक्ति और सचेतन त्याग का मंदिर है। आध्यात्मिक सतगुरु जग्गी वासुदेव ने सोमवार को अयोध्या में दर्शन किए। उन्होंने राम मंदिर के निर्माण को भारत की सभ्यता का ऐतिहासिक क्षण भी बताया। कहा जा रहा है कि 500 साल के संघर्ष के बाद यह दिन आया है।सतगुरु ने कहा कि राम निश्चय रूप से अतीत की प्रेरणा है लेकिन वह भविष्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। आपका व्यक्तिगत पसंद नापसंद, चाहत और प्रेम महत्वपूर्ण है लेकिन जब विस्तृत कल्याण की बात आती है तो जनहित की बात आती है तो सबसे महत्वपूर्ण चीजों को भी एक तरफ रखना सीख जाते हैं और वही करते हैं जो ज्यादातर लोगों के लिए सही है।

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राम इसी गुण का एक जीता जागता रूप है।सतगुरु ने कहा कि उन पीढियो के प्रति हार्दिक आभार है जिन्होंने इसे साकार रूप दिया है। यह पत्थर का मंदिर नहीं बल्कि भक्ति और सचेतन और त्याग का मंदिर है।उन्होंने भगवान राम के व्यक्तित्व पर बोलते हुए कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि जीवन आपकी और कौन सी परिस्थितियों ला रहा है। उसमें भी संतुलन और समभाव बनाए रखना ही उचित है। अपने दिल और दिमाग पर होने वाले आक्रमण को खुद को ही बचना चाहिए।

आपके आसपास होने वाली चीजों से विचलित नहीं होना चाहिए। अपने अंदर दिव्य भावना से परिपूर्ण होना यही राम है।राम कई मायने में दुनिया के भविष्य होने चाहिए। इस बात को केवल किसी पूजा करने के संदर्भ में नहीं सोचा जा सकता।

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सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उसे संभावना का अनुकरण करना उन मूल्यों का अनुकरण करना मनुष्य के स्वभाव का अनुकरण करना जिससे अंदर जीवन की किसी भी परिस्थिति में अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र है।इससे पहले सद्गुरु ने सोशल मीडिया पर अपनी यात्रा के बारे में कहा था कि मैं अतीत के एक महान प्राणी का सम्मान करने और उन सभी लोगों का सम्मान करने अयोध्या जा रहा हूं,

जिन्होंने इस सभ्यता को महान व्यक्तित्व और उनसे मिलने वाली प्रेरणा को अभिव्यक्त करने के लिए अथक संघर्ष किया इससे पहले गुरुवार ने रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की। उनके नेतृत्व की सराहना करते हुए सद्गुरु ने सोशल मीडिया पर कहा कि योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शिता और उनके नेतृत्व उत्तर प्रदेश के विकास और संस्कृति का प्रतिमान है। लोगों की खुशहाली के प्रति उनका उत्साह और समर्पण सचमुच सराहनीय है।