Interesting Facts About Anaconda : मगरमच्छ को भी आसानी से निगल सकता है ये साँप, रहना बचकर इस भारी-भरकम सांप से…
साँपों को बात जब भी कभी हमारे आसपास होती है तो डर के मारे शरीर क्या दिमाग में भी अजीब सी सनसनाहट होने लगती है. पूरी दुनिया में अनगिनत साँपों का बसेरा है अकेले भारत में ही तकरीबन 400 से अधिक साँपों की प्रजातियां पाई जाती है उसमे भी मध्यप्रदेश को तो साँपों का घर ही कहा जाता है क्योंकि यहां करीब 46 से भी अधिक प्रजातियां मिलती है साँपों की. हालांकि ऐसा भी नहीं है कि धरती पर पाए जाने वाले सारे सांप जहरीले ही होते हैं. लेकिन धरती पर पाई जाने वाली करीब 3 हजार से ज्यादा सांपों की प्रजातियों में से लगभग 600 के आसपास ही ऐसी प्रजातियां हैं जो जहरीली होती हैं.
मालूम हो कि सभी साँप एक जैसे नहीं बल्कि अलग-अलग आकार और रंग के होते हैं. इन्हीं में से एक प्रजाति हैं साँपों की जिसे एनाकोंडा के नाम से जानते हैं. एनाकोंडा सांप की प्रजाति भी मुख्य रूप से चार तरह के होते हैं ग्रीन एनाकोंड़ा, बोलिवियन एनाकोंडा, डार्क-स्पॉटेड एनाकोंडा और येलो एनाकोंडा हैं. लेकिन इन चारों में से ग्रीन एनाकोंडा आकार में सबसे बड़ा और भारी-भरकम होता हैं. मुख्य रूप से ग्रीन एनाकोंड़ा दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप के देशों ब्राजील, इक्वेडोर, पेरू, कोलंबिया, वेनेजुएला, सूरीनाम, गुयाना में पाए जाते हैं.
वहीं इस साँप का वजन भी सबसे ज्यादा होता है. हालांकि अगर लंबाई को देखा जाए तो इस साँप की लंबाई अधिक नहीं होती है. लेकिन नर की तुलना में मादा एनाकोंडा ज्यादा लंबी होती है. वहीं हम सब में ये गलतफहमी पूरे सिरे से घर की हुई है इतना बड़ा साँप है जो ज़हरीला होगा ही लेकिन एनाकोंडा सांप में जहर नहीं होता है. इसका कतई भी ये मतलब नहीं है कि ग्रीन एनाकोंड़ा सांप खतरनाक नहीं होते हैं. ये साँप अपने शिकार को सीधे ही निगल जाते हैं. एनाकोंडा की ताकत का अंदाजा तो इसी बात से लग जाता है कि ये बड़े-बड़े सरीसृप (रेप्टाइल) को भी बड़ी ही आसानी से निगल सकता हैं. फिर चाहे वो मगरमच्छ ही क्यों न हो.