Guruwar Ke Daan: गुरुवार को किन चीजों का दान करना होता है अति शुभ, सोया भाग्य जगाते हैं भगवान विष्णु
गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित होता है। इस दिन किया गया दान न केवल पुण्य देता है, बल्कि भाग्य को जागृत करने, आर्थिक समृद्धि लाने और गुरु दोष को शांत करने में भी सहायक माना जाता है।
यहाँ जानिए गुरुवार को कौन-सी चीजें दान करनी चाहिए और उनका अर्थशास्त्र एवं आध्यात्मिक महत्व:
🌼 गुरुवार के शुभ दान – क्या दें और क्यों?
1. चने की दाल (Yellow Lentils)
- ➤ यह बृहस्पति ग्रह का प्रतीक है।
- ➤ दान करने से धन-लाभ, करियर में तरक्की और घर में अन्न-धन की वृद्धि होती है।
2. पीले वस्त्र (Yellow Clothes)
- ➤ भगवान विष्णु को पीला रंग अत्यंत प्रिय है।
- ➤ इससे गुरु दोष शांत होता है और सम्मान में वृद्धि होती है।

3. हल्दी (Turmeric)
- ➤ हल्दी शुभता, पवित्रता और ऊर्जा का प्रतीक है।
- ➤ इससे रोग, शत्रु बाधा और वाणी दोष कम होते हैं।
4. केला और पीले फल (Yellow Fruits like Banana)
- ➤ बृहस्पति को अर्पण करने के बाद ये फल ब्राह्मणों को दान देना अत्यंत पुण्यदायी है।
- ➤ इससे शिक्षा, बुद्धि और विवेक बढ़ता है।
5. सोनपापड़ी, बेसन के लड्डू या पीली मिठाइयाँ
- ➤ मीठे पीले पदार्थ देने से जीवन में मधुरता आती है और ग्रहों की कृपा बनी रहती है।
6. गुड़ (Jaggery)
- ➤ गुड़ बृहस्पति ग्रह को प्रसन्न करता है, विशेषतः अगर चने या आटे के साथ दान किया जाए।
🔱 दान कैसे करें?
- साफ मन और श्रद्धा के साथ दान करें।
- ब्राह्मण, वृद्ध, विद्यार्थी या किसी जरूरतमंद को दान देना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
- दान देने से पहले विष्णु मंत्र या ‘ॐ बृं बृहस्पतये नमः’ मंत्र का 108 बार जप करें।
✨ दान के लाभ (Benefits of Donation on Thursday)
✅ भाग्य में अटके कार्य बनने लगते हैं
✅ गुरु दोष या बृहस्पति की कमजोर स्थिति में सुधार आता है
✅ विवाह, शिक्षा और संतान संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है
✅ करियर, नौकरी व व्यवसाय में उन्नति होती है
✅ ईश्वर कृपा और मानसिक शांति मिलती है
📿 गुरुवार व्रत के साथ करें यह उपाय:
गुरुवार को व्रत रखें, पीले कपड़े पहनें, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और उपरोक्त वस्तुओं का दान करें।
यह संयोजन आपके भाग्य को सक्रिय कर सकता है और गुरु कृपा को आकर्षित करता है।
🔆 गुरुवार का विशेष महत्व
- गुरुवार को बृहस्पति ग्रह और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
- बृहस्पति को ज्ञान, धर्म, विवाह, संतान और गुरु का कारक माना जाता है।
- यदि कुंडली में गुरु अशुभ या कमजोर हो, तो गुरुवार का व्रत और दान अत्यंत फलदायक माना गया है।
🪔 किन लोगों को दान देना सबसे उत्तम?
दान उसी समय पूर्ण फल देता है जब वह सच्चे ज़रूरतमंद को दिया जाए।
गुरुवार को निम्नलिखित लोगों को दान देना शुभ माना गया है:
- ब्राह्मण — मंत्रोच्चार व यज्ञ में दक्ष हो तो विशेष फल मिलता है।
- विद्यार्थी — ज्ञान और बुद्धि का विस्तार होता है।
- गौसेवा स्थल — गायों को चारा, गुड़, चना देना परम पुण्यदायी है।
- गरीब व ज़रूरतमंद महिलाएं — विशेष रूप से पीले वस्त्र या प्रसाद।
🧿 किन समस्याओं के लिए कौन-सा दान करें?
समस्या | दान करने योग्य वस्तु | फल |
---|---|---|
गुरु दोष या कमजोर बृहस्पति | पीली दाल, हल्दी, पीला वस्त्र | ग्रह शांति |
विवाह में देरी | केले के पेड़ की पूजा, गुड़, चना | शीघ्र विवाह |
करियर में रुकावट | किताबें, स्टेशनरी, पीली मिठाई | सफलता |
संतान प्राप्ति में परेशानी | गाय को गुड़-चना, पीले फल | संतान सुख |
मानसिक अशांति या भय | हल्दी की माला, विष्णु मंत्र जप | मानसिक शांति |
🧘 विशेष उपाय: पीपल और केले के पेड़ से जुड़ा गुरुवार का रहस्य
- गुरुवार को पीपल के पेड़ को न छुएं, क्योंकि यह बृहस्पति का दिन है और ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
- केले के पेड़ की पूजा करें, जल चढ़ाएं, हल्दी लगाएं और दीपक जलाएं — इससे विवाह संबंधी और गुरु दोष से जुड़ी बाधाएं दूर होती हैं।
🕉️ मंत्र और जप
गुरुवार को दान से पहले निम्नलिखित मंत्र का जप करें:
ॐ बृं बृहस्पतये नमः
(108 बार जप करने से विशेष फल प्राप्त होता है)
या फिर:
ॐ नमो नारायणाय
(भगवान विष्णु को प्रसन्न करने हेतु)
✨ गुरुवार के दान से जुड़ी 3 पौराणिक कथाएँ (संक्षेप में)
- सत्यवान-सावित्री की कथा – सावित्री ने अपने पति की आयु बढ़ाने के लिए गुरुवार का व्रत और दान किया था।
- एक विधवा महिला की कथा – जिसने केवल गुड़ और चने का दान करके अपने पुत्र को राजा बनते देखा।
- भगवान दत्तात्रेय की लीला – जिन्होंने एक गरीब ब्राह्मण को दान के प्रभाव से विद्वान और सम्मानित बना दिया।
📌 ध्यान रखें:
❌ गुरुवार को बाल न कटवाएं, नाखून न काटें
❌ दान देने के बाद अहंकार न करें
✅ दान गुप्त हो तो उसका फल और अधिक बढ़ जाता है
✅ पीले रंग के कपड़े पहनें और ब्राह्मण भोजन कराएं
📿 निष्कर्ष
गुरुवार को किया गया दान केवल आपके कर्मों को हल्का नहीं करता, बल्कि वह आपके भाग्य में नई ऊर्जा भर देता है।
भगवान विष्णु और बृहस्पति की कृपा पाने के लिए यह दिन अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है।