Bihar Politics : सरकार रहे या जाए, इस्तीफे से पहले पार्टी की बैठक में भावुक क्यों हुए नीतीश कुमार
नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है।आज सुबह राज भवन गए और राज्यपाल राजेंद्र आरलेरकर को अपना त्यागपत्र सौंपा। इससे पहले उन्होंने पार्टी के विधान मंडल दल की बैठक में इसका घोषणा किया था। जदयू विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार भावुक दिखाई दिए। मीटिंग में जदयू के विधायकों ने किसी भी तरह का निर्णय लेने के लिए नीतीश कुमार को अधिकृत किया है।
सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार ने पार्टी की मीटिंग में भावुक अंदाज में साफ तौर पर कहा कि उनकी सरकार रहे या जाए लेकिन वह उन सिद्धांतों और शर्तों से समझौता नहीं कर सक,ते जिसके आधार पर साल 2022 में महागठबंधन सरकार का गठन हुआ था। नीतीश कुमार ने मीटिंग में अपने विधायकों को कहा कि राजद के साथ चलने में काफी परेशानी हो रही है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि पार्टी उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। नीतीश कुमार का यह बयान पार्टी की टूट के संभावित खतरों के मद्देनजर आया है।
नीतीश कुमार को पिछले महीने इसकी भनक लग गई थी, जब पार्टी के कुछ विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर बैठक की थी। इसके बाद नीतीश कुमार ने तेजी दिखाते हुए ललन सिंह को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया और खुद पार्टी के अध्यक्ष बन गए। तभी से अंदाजा लगाया जा रहा था कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के रास्ते अब अलग-अलग होने वाले हैं ।
9वी बार मुख्यमंत्री बनने से पहले नीतीश कुमार ने अपने तमाम विरोधियों को यह संदेश देने का प्रयास किया है कि उनके लिए पार्टी और उनकी नीति और सिद्धांत सर्वोपरि है। वह इसे इमोशनल कार्ड के जरिए भुलाना चाह रहे हैं। वह इस कार्ड के जरिए ललन सिंह से राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद लेकर अपने पास रखने से लेकर राजद से गठबंधन तोड़ने तक के फैसला कि आड़ में पार्टी को सबसे ऊपर रखना चाहते हैं।
इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि महा गठबंधन के लोग जो कह रहे थे और कर रहे थे उससे उन्हें तकलीफ हो रही थी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी में भी लोगों को तकलीफ हो रही थी। नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन पर भी कहा कि लोगों में बहुत दुख और आशंका थी, उधर कुछ काम नहीं हो रहा था, इसलिए इस्तीफा दे दिया।