Friday, October 18, 2024
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Falgun Amavasya 2024: साल की अंतिम अमावस्या पर बने 5 शुभ संयोग, क्या है स्नान-दान मुहूर्त? 3 उपाय से नाराज पितर होंगे खुश

Falgun Amavasya 2024: विक्रम सम्वत 2080 की अंतिम अमवास्या यानी फाल्गुन अमावस्या 10 मार्च दिन रविवार को है. इस बार फागुन अमावस्या पर शुभ संयोग बना रहे हैं.
पंचांग के अनुसार फागुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को फागुन अमावस्या होती है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी दैनिक क्रिया से निवृत होकर स्नान करना चाहिए फिर क्षमता के अनुसार दान करना चाहिए।फागुन अमावस्या पर स्नान और दान करने का एक अलग महत्व होता है। इस बार अमावस्या को पांच शुभ संयोग बना रहे हैं-

फाल्गुन अमावस्या 2024 मुहूर्त
फाल्गुन अमावस्या तिथि का प्रांरभ: 9 मार्च, शनिवार, 06:17 पीएम से
फाल्गुन अमावस्या तिथि का समापन: 10 मार्च, रविवार, 02:29 पीएम पर
फाल्गुन अमावस्या पर स्नान-दान का मुहूर्त: 10 मार्च, प्रात: 04:59 एएम से
फाल्गुन अमावस्या पर बने 5 शुभ संयोग

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फाल्गुन अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, साध्य योग, शुभ योग के साथ पूर्व भाद्रपद नक्षत्र का शुभ संयोग बना है. सर्वार्थ सिद्धि योग देर रात 01:55 एएम से 11 मार्च को सुबह 06:35 एएम तक बना है. अमावस्या पर सुबह से ही साध्य योग होगा, जो 04:14 पीएम तक रहेगा. फिर शुभ योग बनेगा.

अगर आप फागुन अमावस्या वाले दिन स्नान के बाद कंबल, वस्त्र, अन्न, फल आदि का दान कर सकते हैं तो यह आपके लिए उत्तम होगा। इसके अलावा आप चाहे तो गेहूं, गुड़, घी, तांबे का बर्तन आदि भी दान कर सकते हैं इससे आपके ग्रह दोष भी दूर होंगे

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फाल्गुन अमावस्या 2024: नाराज पितरों को खुश करने के उपाय

इस दिन पितरों को खुश करने के लिए स्नान के समय उनके तर्पण करना चाहिए जल में काला तिल, सफेद फूल डालकर कुश के पोरों के माध्यम से पितरों को तर्पण देना चाहिए. इससे वे प्रसन्न होते हैं. वे तृप्त होकर सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.

पितृ दोष के मुक्ति के लिए पिंडदान श्राद्ध कर्म पंचबली कम ब्राह्मण भोज दान आदि का कार्य भी कर सकते हैं फाल्गुन अमावस्या पर आपको पितरों के देव अर्यमा की पूजा करनी चाहिए और पितृ सूक्तम् का पाठ करना चाहिए. इससे पितर प्रसन्न होंगे और आपको उन्नति का आशीर्वाद देंगे.

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फाल्गुन अमावस्या को अंधेरा होने पर अपने पितरों के लिए सरसों के तेल का एक दीप जलाएं. इस दीप को आप किसी पीपल के पेड़ के नीचे या फिर घर से बाहर दक्षिण दिशा में जला सकते हैं.