बदलते धार्मिक समीकरणों के बीच बढ़ रही मुस्लिम आबादी, जरूरी है जनसंख्या नियंत्रण कानून…
July 11, World Population Day : आज पूरे विश्व में विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है. इसी पृष्ठभूमि पर देश के कुछ इलाकों में मुस्लिम आबादी बढ़ने की बात को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी एक पत्रिका ने ‘जनसांख्यिकीय असंतुलन’ पर दावा करते हुए व्यापक राष्ट्रीय जनसंख्या नियंत्रण नीति की जरूरत को काफी जरूरी बताया है. मालूम हो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी ‘ऑर्गेनाइजर’ नाम की साप्ताहिक पत्रिका के ताजा अंक में प्रकाशित संपादकीय में जनसंख्या के लिहाज से क्षेत्रीय असंतुलन पर चिंता जाहिर करते हुए नीतिगत हस्तक्षेप की वकालत की गई है.
गौरतलब हो कि संपादकीय में ये भी लिखा गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर जनसंख्या स्थिर होने के बाद भी सभी धर्मों और क्षेत्रों में जनसंख्या समान नहीं है. मालूम हो कि कुछ खास सीमावर्ती जिलों में मुस्लिम आबादी में काफी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. ऐसे में देश के कुछ राज्य जैसे पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और उत्तराखंड जैसे सीमावर्ती राज्यों में सीमाओं पर ‘अवैध विस्थापन’ की कारण से भी ‘अप्राकृतिक’ तरीके से इन दिनों जनसंख्या में बेतहाशा वृद्धि हो रही है.
इसके साथ ही संपादकीय में ये आरोप भी लगाया गया है, यदा-कदा हिंदू भावनाओं का राहुल गांधी जैसे नेता का अपमान करते हैं. ऐसे में विभाजन की रोद्र रूप के कारण ही सही लेकिन राजनीतिक रूप से, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से गलत विस्थापन से सीख लेते हुए हमें इस मुद्दे को तत्काल हल करना होगा, अन्यथा इसके गम्भीर परिणाम भुगतने होंगे. इसके लिए सरकार को अब समय आ गया है कि जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की तरफ ध्यान देना चाहिए.