Friday, October 18, 2024
रामलला प्राण प्रतिष्ठा में हमने किसी से जबरन जय श्रीराम का नारा नहीं लगवाया
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Kari Abrar Statement : रामलला प्राण प्रतिष्ठा में हमने किसी से जबरन जय श्रीराम का नारा नहीं लगवाया, आखिर क्यों कही ये बात कारी अबरार ने

राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा भेजे गए निमंत्रण पर अयोध्या में भगवान श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह कार्यक्रम में काफी लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें सहारनपुर पहुंचे मुस्लिम स्कॉलर कारी अबरार जमाल भी शामिल थे।कारी ने संतों के बीच मिले सम्मान का भी जिक्र किया।अयोध्या में श्री राम प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होकर लौटे सहारनपुर के मुस्लिम स्कॉलर कारी अबरार जमाल ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का दिल से शुक्रिया अदा किया है।

साथ ही उन्होंने देशवासियों को श्री राम मंदिर के लिए बधाई भी दी। कारी अबरार जमाल ने कहा कि हमें वहां पहुंचने पर बहुत सम्मान मिला। वहां जाकर बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगा कि हम कहीं दूसरी जगह से आए हैं। वह खूबसूरत हिंदुस्तान नजर आ रहा था। वहां लगा कि सच में यह गंगा जमुनी तहजीब की बेहतरीन मिसाल है।

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रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अपने अनुभव उन्होंने मीडिया को बताएं। कारी अबरार ने कहा कि लोग कहते हैं कि जहां हिंदू मिल जाते हैं वह मुस्लिम से जय श्री राम का नारा बुलवाते हैं। यह उन लोगों के मुंह पर तमाचा है उन्होंने कहा कि इसे बेहतरीन मौका क्या हो सकता था हिंदुओं के लिए की तमाम साधु संतों के बीच जय श्री राम का नारा बुलवाया जाए।

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हालांकि ऐसा हुआ नहीं। वहां उन लोगों ने हमारा सम्मान किया गया। हमें कुर्सी पर बैठा कर इज्जत दी। हमारे पैर छुए और आरती उतारी गई। इसके बाद हमने अंदर एंट्री की। वहां सभी लोग बड़े खुश थे, चाहे वो मुरारी बापू, कैलाश नंद गिरी महाराज या बाबा रामदेव जी हो।

उन्होंने कहा कि किसी आदमी ने मुझे नफरत की नजर से नहीं देखा। मुझे वहां हिंदुस्तान की खूबसूरत गंगा और जमुना देखने को मिली। जहां इतने बड़े-बड़े साधु संत हो वहां एक इस्लामिक स्कॉलर कारी अबरार जमाल को इतनी बड़ी इज्जत दी गई। कारी अबरार जमाल को भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का प्रसाद दिया गया और उन्हें सोने की अंगूठी भी दी गई।

उन्होंने कहा कि वह चार छह मुस्लिम थे एक मौलाना उमेर इल्यासी साहब थे। हमारे मोलाना फैज़ खान साहब थे ।दो लोग और भी थे। बहुत अच्छा मौका रहा। मीडियाकर्मियों ने पूछा कि क्या प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देवबंद से भी कोई गया था। जवाब में उन्होंने कहा कि नहीं देवबंद से कोई नहीं गया।

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वहां विशेष कार्यक्रम था, जिन लोगों को निमंत्रण भेजा था। हमारे पास भी सिर्फ एक ही आदमी का प्रवेश कार्ड था। वहां मुकेश अंबानी भी अकेले गए। अमिताभ बच्चन जी भी अकेले गए, हम भी अकेले गए थे।
उन्होंने कहा कि हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं और मुसलमान को भी कोर्ट से इंसाफ मिलता है वहीं अगर राम मंदिर के निर्माण का फैसला कोर्ट सुनता है तो फिर यह बात कही जाती है कि मुसलमान के साथ नाइंसाफी हुई है उन्होंने कहा कि एक मुसलमान तो दोगला नहीं हो सकता। एक मोमिन तो दोगुला नहीं हो सकता।

Kari Abrar Statement
रामलला प्राण प्रतिष्ठा में हमने किसी से जबरन जय श्रीराम का नारा नहीं लगवाया

उन्होंने कहा कि अगर हिंदू लोग मुसलमान की मस्जिदों के दुश्मन और मजारों की दुश्मन होते तो जहां बाबरी मस्जिद का ढांचा था, वहीं पैगंबर हजरत नूह की भी कबरे अनवर है। इसको तो किसी ने टच नहीं किया। वह तो महफूज है। इससे साबित हो जाता है कि तमाम सनातनी और तमाम लोग अमनो सलामती के साथ इस देश में रहते हैं। यह सेकुलरिज्म की एक बेहतरीन मिसाल है।

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कारी अबरार जमाल ने यह भी बताया कि अयोध्या में प्रशासन की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की गई थी ट्रेन में भी श्री राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से प्रशासन द्वारा बार-बार हमारा हाल-चाल पूछा जा रहा था खाने-पीने की भी कोई दिक्कत नहीं थी

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बेहतरीन काम किया पुलिस प्रशासन ने पूरी शांति बनाई कहीं भी इस तरह का मामला नजर नहीं आया जहां किसी ने अपने आप को असुरक्षित महसूस किया हो राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे प्रश्नों पर कार्य विराट जमाल ने कहा कि विपक्ष भाजपा का जानी दुश्मन है उन्होंने कहा कि जो इंसान जात का दुश्मन होता है, उसके लिए आप चाहे हनुमान के चरणों में खड़े हो जाएं, चाहे आप काबे में जाकर खड़े हो जाएं, उनको आपकी इस बात से भी तकलीफ होगी।