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Shani Jayanti 2025 Upay: शनि जयंती पर लाल किताब के इन 7 में से कर लें कोई 1 उपाय भी, फिर देखें चमत्कार

शनि जयंती 2025 एक बहुत ही शुभ अवसर है जब आप शनिदेव की कृपा पाने और जीवन में चल रहे कष्टों से मुक्ति पाने के लिए लाल किताब के सरल लेकिन प्रभावशाली उपाय अपना सकते हैं। लाल किताब के ये उपाय विशेष रूप से शनि दोष, साढ़ेसाती, ढैय्या और कुंडली में शनि की अशुभ स्थिति को दूर करने के लिए किए जाते हैं।


🔮 लाल किताब के 7 असरदार उपाय – Shani Jayanti 2025 के लिए:

1. लोहे की कटोरी में सरसों का तेल दान करें

  • शनिवार या शनि जयंती के दिन किसी जरूरतमंद को लोहे की कटोरी में सरसों का तेल दान करें।
  • शनि की कृपा से कर्ज और मानसिक तनाव से राहत मिलती है।

2. काले कुत्ते या काली गाय को रोटी दें

  • प्रतिदिन या कम से कम शनिवार को यह कार्य करें।
  • शनि ग्रह शांत होता है और जीवन में स्थिरता आती है।

3. नीलम रत्न धारण करने से पहले दान करें

  • नीलम धारण करने से पहले लोहे, उड़द, काले कपड़े और तेल का दान करें।
  • इससे रत्न के प्रभाव में संतुलन आता है।

4. काले उड़द का दान या जल में प्रवाह

  • शनि जयंती के दिन काले उड़द बहते जल में प्रवाहित करें या मंदिर में दान करें।

5. चमेली का तेल और सिंदूर से हनुमान जी की पूजा करें

  • शनि के प्रभाव को शांत करने के लिए यह सबसे कारगर उपाय है।
  • “ॐ हं हनुमते नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।

6. ज्योतिषीय उपाय: शनि की धातु से बनी वस्तु को छाया दान करें

  • एक कटोरी में तेल भरकर उसमें अपना चेहरा देखकर मंदिर में दान करें।
  • इसे “छाया दान” कहते हैं।

7. अंधे, विकलांग या वृद्ध व्यक्ति की सेवा करें

  • यह शनि को अत्यंत प्रिय है।
  • सेवा से पुण्य और मानसिक शांति दोनों मिलती है।

📅 शनि जयंती 2025 की तिथि (संभावित):

30 मई 2025, शुक्रवार (शुक्रवार को अमावस्या तिथि)


शनि जयंती 2025 पूजा विधि विशेष
(तारीख: 30 मई 2025, शुक्रवार — अमावस्या तिथि)

शनि जयंती पर शनिदेव की विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन में चल रही साढ़ेसाती, ढैय्या, कोर्ट केस, कर्ज और शत्रु बाधाओं से राहत मिलती है। नीचे दी गई पूजा विधि विशेष रूप से इस दिन के लिए उपयुक्त है।


🛕 पूजा सामग्री:

  • काला कपड़ा, तिल और सरसों का तेल
  • काले उड़द, लोहे का पात्र
  • नीले या काले फूल, नीला पुष्प माला
  • दीपक (सरसों के तेल का)
  • अगरबत्ती, धूपबत्ती
  • पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल)
  • नारियल, प्रसाद (सूखा मेवा या गुड़-चना)
  • हनुमान चालीसा या शनि स्तोत्र की प्रति

🧘‍♂️ पूजा विधि:

1. प्रात:काल स्नान व स्वच्छ वस्त्र

  • काले या नीले वस्त्र धारण करें।
  • घर के मंदिर या शनि मंदिर जाएं।

2. शनिदेव की मूर्ति या चित्र पर जल से स्नान

  • फिर पंचामृत स्नान कराएं।
  • स्वच्छ जल से पुनः स्नान कराकर सूती कपड़ा पहनाएं।

3. श्रृंगार व अर्पण

  • नीले फूल, काला तिल, काला कपड़ा, सरसों का तेल अर्पित करें।
  • दीपक जलाएं, अगरबत्ती लगाएं।

4. मंत्र जाप (कम से कम 108 बार):

“ॐ शं शनैश्चराय नमः”

“ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”

5. शनि चालीसा या शनि स्तोत्र का पाठ करें

  • विशेष लाभ के लिए सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ भी करें।

6. प्रसाद अर्पण और व्रत कथा (यदि संभव हो)

  • गुड़ और चने का भोग अर्पण करें।
  • व्रत कथा पढ़ें या श्रवण करें।

7. दान पुण्य और सेवा

  • काले कपड़े, तिल, लोहे की वस्तुएं, जूते-चप्पल, तेल, उड़द आदि दान करें।
  • गरीबों, वृद्धों या जरूरतमंदों को भोजन कराएं।

🪔 विशेष सावधानी:

  • इस दिन किसी का अपमान न करें।
  • झूठ न बोलें, गलत कार्यों से बचें।
  • शराब, मांस, तंबाकू आदि से पूरी तरह परहेज करें।