धार्मिक

Gathbandhan Puja: नई शादी के बाद भोलेबाबा के इस धाम में कराई जाती है गठबंधन पूजा, परेशानियां भागती हैं कोसों दूर!

“नई शादी के बाद भोलेबाबा के इस धाम में कराई जाती है गठबंधन पूजा” — यह वाक्य एक धार्मिक परंपरा और आस्था को दर्शाता है जिसमें नवविवाहित जोड़े भोलेबाबा (भगवान शिव) के किसी प्रसिद्ध धाम में जाकर विशेष पूजा करते हैं, जिसे “गठबंधन पूजा” कहा जाता है।

इस परंपरा का भावार्थ है कि नवविवाहित जोड़ा अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद से करना चाहता है। शिव और पार्वती को आदर्श दांपत्य जीवन का प्रतीक माना जाता है, इसलिए विवाह के बाद शिव मंदिर में जाकर पूजा करना शुभ माना जाता है।

यदि आप चाहें, तो मैं आपको बता सकता हूँ कि भारत के कौन-कौन से प्रमुख शिव धामों (जैसे कि काशी विश्वनाथ, बाबा बैद्यनाथ धाम, अमरनाथ, केदारनाथ, त्र्यंबकेश्वर आदि) में इस तरह की परंपरा निभाई जाती है और वहाँ “गठबंधन पूजा” कैसे कराई जाती है।

आप किस विशेष शिवधाम के बारे में जानना चाहते हैं जहाँ नई शादी के बाद गठबंधन पूजा कराई जाती है? भारत में कई प्रसिद्ध शिवधाम हैं जहाँ यह परंपरा निभाई जाती है। नीचे कुछ प्रमुख शिवधामों की सूची दी गई है जहाँ नवविवाहित जोड़े जाकर विवाह के बाद पूजा करते हैं:

1. बाबा बैद्यनाथ धाम (देवघर, झारखंड)

  • विशेषता: 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और अत्यंत शक्तिशाली स्थल।
  • गठबंधन पूजा: यहाँ नवविवाहित जोड़े विवाह के बाद “गठबंधन दर्शन” और “मांगलिक पूजन” कराते हैं ताकि वैवाहिक जीवन सुखमय रहे।

2. काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी, उत्तर प्रदेश)

  • विशेषता: शिव का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है।
  • गठबंधन पूजा: यहाँ विवाह के बाद जोड़े मंदिर में विशेष पूजा और रुद्राभिषेक करवाते हैं।

3. केदारनाथ धाम (उत्तराखंड)

  • विशेषता: हिमालय में स्थित शिव का पवित्र मंदिर, चार धामों में से एक।
  • गठबंधन पूजा: यहाँ कुछ श्रद्धालु विवाह के बाद दर्शन करने आते हैं, लेकिन मौसम और कठिनाई के कारण यह हर किसी के लिए संभव नहीं होता।

4. त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग (नासिक, महाराष्ट्र)

  • विशेषता: यहाँ शिव, विष्णु और ब्रह्मा तीनों के प्रतीक स्वरूप पूजन होता है।
  • गठबंधन पूजा: विवाह के बाद पति-पत्नी यहां आकर “कल्याण मंत्रों” के साथ पूजन कराते हैं।

5. ओंकारेश्वर (मध्य प्रदेश)

  • विशेषता: नर्मदा नदी के किनारे स्थित, अर्ध-ज्योतिर्लिंग।
  • गठबंधन पूजा: यहां भी नवविवाहितों के लिए विशेष पूजा व्यवस्था होती है।

गठबंधन पूजा में क्या होता है?

  • शिव-पार्वती की प्रतिमा या शिवलिंग का पूजन।
  • रुद्राभिषेक या विशेष विवाहोत्तर अनुष्ठान।
  • पंडित द्वारा विवाह की पुनः पुष्टि हेतु मंगल पाठ और रक्षा सूत्र बाँधना।
  • जोड़े का परस्पर प्रण लेना कि वे विवाह बंधन को धर्मपूर्वक निभाएँगे।

बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर, झारखंड में गठबंधन पूजा एक अत्यंत पवित्र और विशिष्ट परंपरा है, जो नवविवाहित जोड़ों के लिए विशेष महत्व रखती है। यह पूजा शिव और पार्वती के दिव्य मिलन का प्रतीक मानी जाती है और वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि के लिए की जाती है।

गठबंधन पूजा का महत्व

देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम को ‘कामना लिंग’ और ‘हृदयपीठ’ भी कहा जाता है, क्योंकि यह स्थान शिव और सती के मिलन का प्रतीक है। यहाँ की गठबंधन पूजा में बाबा बैद्यनाथ (शिव) और मां पार्वती के मंदिरों के शिखरों को एक लाल धागे से जोड़ा जाता है, जो उनके दिव्य गठबंधन का प्रतीक है। यह परंपरा अन्य किसी ज्योतिर्लिंग में नहीं पाई जाती। (Navbharat Times, ABP Live)

गठबंधन पूजा की प्रक्रिया

  1. पंचशूल की स्थापना: महाशिवरात्रि से पहले, बाबा बैद्यनाथ और मां पार्वती मंदिर के शिखरों से पंचशूलों को उतारा जाता है और विशेष पूजा के बाद पुनः स्थापित किया जाता है। (Newshaat)
  2. गठबंधन अनुष्ठान: पंचशूलों की स्थापना के बाद, दोनों मंदिरों के शिखरों को एक लाल धागे से जोड़ा जाता है, जिसे ‘गठबंधन’ कहा जाता है। यह धागा नवविवाहित जोड़ों के लिए विशेष महत्व रखता है, और इसे प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु उत्साहित रहते हैं। (Dainik Bhaskar)
  3. विशेष पूजा: नवविवाहित जोड़े पंडितों के मार्गदर्शन में विशेष मंत्रोच्चार और पूजा करते हैं, जिसमें वे अपने वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।

पूजा का समय

  • महाशिवरात्रि: इस पर्व के दौरान विशेष रूप से गठबंधन पूजा का आयोजन होता है।
  • श्रावण मास: श्रावण मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ धाम में जल अर्पण और पूजा के लिए आते हैं। (Navbharat Times)

पूजा शुल्क और बुकिंग

गठबंधन पूजा के लिए कुछ सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं, जैसे कि Baidyanath Nagri, जहाँ ₹2,500 में पूजा की व्यवस्था की जाती है। यह सेवा नवविवाहित और विवाहित दोनों प्रकार के जोड़ों के लिए उपलब्ध है।

देवघर कैसे पहुँचें?

  • रेल मार्ग: देवघर जंक्शन प्रमुख रेलवे स्टेशनों से जुड़ा हुआ है।
  • वायु मार्ग: देवघर हवाई अड्डा (Deoghar Airport) से देश के प्रमुख शहरों के लिए उड़ानें उपलब्ध हैं।
  • सड़क मार्ग: देवघर बिहार और झारखंड के विभिन्न शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर में गठबंधन पूजा कराने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ और जानकारी निम्नलिखित होती है:

गठबंधन पूजा हेतु आवश्यक दस्तावेज़

  1. नवविवाहित जोड़े की पहचान पत्र की कॉपी:
    • आधार कार्ड / वोटर ID / पासपोर्ट / ड्राइविंग लाइसेंस (किसी एक की प्रति – पति और पत्नी दोनों की)
    • यह प्रमाणित करने के लिए कि आप पति-पत्नी हैं।
  2. विवाह प्रमाण पत्र (यदि उपलब्ध हो):
    • शादी का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र (ऑफिशियल नहीं होने पर भी शादी कार्ड/फोटो भी चल जाता है, परंतु प्रमाण पत्र श्रेष्ठ रहता है)।
  3. फोटोग्राफ:
    • पति-पत्नी की एक साथ खींची गई रंगीन फोटो (पासपोर्ट साइज या 4×6)।
  4. गठबंधन पूजा बुकिंग स्लिप (यदि पहले से बुकिंग की हो):
    • यदि आपने वेबसाइट जैसे baidyanathnagri.com के माध्यम से ऑनलाइन बुकिंग कराई है, तो उसकी रसीद या स्क्रीनशॉट।

कुछ अन्य सुझाव और बातें ध्यान में रखने योग्य:

  • ड्रेस कोड: महिलाएं पारंपरिक परिधान (जैसे साड़ी/सलवार सूट), पुरुष धोती-कुर्ता या साफ कपड़े पहनें।
  • समय: सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच पूजा कराना अधिक शुभ और सुविधाजनक होता है।
  • पंडित की बुकिंग: मंदिर परिसर में अधिकृत पंडित उपलब्ध रहते हैं, लेकिन भीड़ के समय पहले से बुकिंग कराना अच्छा रहता है।