Egypt City UAE : दुनिया का यह मुस्लिम देश कंगाल हुआ, UAE को बेचा अपना शहर, भारत का है मित्र
मिस्र इस समय एक बड़े आर्थिक संकट से लड़ रहा है। मिस्र इससे बाहर आने के लिए हाथ पैर मार रहा है। इस बीच मिस्र को UAE से एक बड़ा समर्थन मिला है। मिस्र ने UAE के साथ उतरी तट पर एक विशाल शहरी, व्यापार और पर्यटन केंद्र के लिए अरबो डॉलर के ऐतिहासिक समझौते पर साइन किया। इसके तहत अरबों डॉलर की लागत से अत्यधुनिक शहर रास अल हेकमा का निर्माण किया जाएगा। इस तटीय शहर को खरीदने के लिए 35 अरब डॉलर के समझौते को अंतिम रूप दिया गया। मिस्र के आवास मंत्री असेम अलगज्जर और यूएई के निवेश मंत्री मोहम्मद अल सूवेदी ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।
मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मैडबौली ने कहा कि यूएई 15 अरब डॉलर का भुगतान एडवांस में करेगा। बाकी का भुगतान 2 महीने में करेगा। मैडबौली के अनुसार यह सौदा देश के आधुनिक इतिहास में शहरी विकास परियोजना में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है। इस शहर में आवासीय पर्यटक, रिसॉर्ट, स्कूल, यूनिवर्सिटी, एक इंडस्ट्रियल जोन, एक केंद्रीय वित्तीय और व्यावसायिक जिला टूरिस्ट यॉट के लिए इंटरनेशनल मरीना और एक इंटरनेशनल हवाई अड्डा शामिल होगा। यहां के लोगों के भविष्य को लेकर मैडबौली ने कहा कि उन्हें अन्य क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जाएगा। इन्हें वित्तीय मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना देश के आर्थिक संकट को कम करेगी।
रास अल-हिकमा अलेक्जेंड्रिया के पश्चिम में लगभग 200 किलोमीटर दूर है। यह अमीर टूरिस्ट वाला इलाका है, जो अपने सफेद रेत वाले बीच के लिए फेमस है। मिस्र धीमी गति से बढ़ते आर्थिक संकट में फस गया है, जिसमें विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। इस कारण मिस्र के पाउंड और स्थानीय व्यवसाय पर दबाव बना हुआ है। पिछले गर्मी में मुद्रास्फीति रिकॉर्ड पर पहुंच गई। कर्ज का बोझ बढ़ रहा है। वही यमन के हूती विद्रोहियों की तरफ से लाल सागर में जहाज पर हमले से स्वेज नहर के राजस्व में कमी होती जा रही है।
मिस्र ने दिसंबर साल 2022 में आईएमएफ के साथ तीन अरब डॉलर के वित्तीय मदद की डील की थी। लेकिन मिस्र ने लचीले एक्सचेंज रेट सिस्टम को अपनाने में लेट की और सरकारी संपत्तियों को धीरे-धीरे बेचा जिस कारण वह यह डील फाइनल नहीं हो पाई। आईएमएफ ने गुरुवार को कहा कि ऋण कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए मिस्र के साथ बातचीत में उत्कृष्ट प्रगति हो रही है। इसमें कहा गया कि गाजा में युद्ध के दबाव के साथ आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए मिस्र को एक बड़े मदद पैकेज की जरूरत है।