अंतरिक्ष यात्रा

धरती तक ‘आग’ फेंकने वाला सूरज तो अंदर से ठंडा निकला! सबसे बड़े टेलिस्कोप की खींची तस्वीरों ने चौंकाया

, जो हमें अपनी गर्मी और रोशनी से जीवन प्रदान करता है, उसका कोर (Core) यानी आंतरिक हिस्सा, सतह (Surface) से कहीं अधिक ठंडा है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:

सूरज का तापमान: कोर बनाम सतह

  • कोर का तापमान: सूरज के केंद्र में तापमान लगभग 15 मिलियन डिग्री सेल्सियस (15,000,000°C) होता है। यह अत्यधिक तापमान परमाणु संलयन (Nuclear Fusion) की प्रक्रिया के कारण होता है, जिसमें हाइड्रोजन परमाणु हीलियम में परिवर्तित होते हैं, जिससे विशाल ऊर्जा उत्पन्न होती है।
  • सतह का तापमान: सूरज की सतह, जिसे फोटोस्फीयर (Photosphere) कहा जाता है, का तापमान लगभग 5,500 डिग्री सेल्सियस (5,500°C) होता है। यह तापमान अपेक्षाकृत कम है, लेकिन फिर भी यह पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करने के लिए पर्याप्त है।

सूरज की संरचना और तापमान में भिन्नता

सूरज की संरचना में विभिन्न परतें होती हैं, जिनमें तापमान में भिन्नता देखी जाती है:

  • कोर (Core): यह सूरज का केंद्र है, जहाँ परमाणु संलयन की प्रक्रिया होती है और अत्यधिक तापमान उत्पन्न होता है।
  • रेडिएटिव जोन (Radiative Zone): कोर के बाहर की परत, जहाँ ऊर्जा रेडिएशन के माध्यम से बाहर की ओर प्रवाहित होती है।
  • कन्वेक्टिव जोन (Convective Zone): रेडिएटिव जोन के ऊपर की परत, जहाँ गर्म प्लाज्मा ऊपर की ओर उठता है और ठंडा होकर नीचे की ओर गिरता है, जिससे ऊर्जा का संचरण होता है।
  • फोटोस्फीयर (Photosphere): यह सूरज की दृश्य सतह है, जहाँ से प्रकाश और गर्मी पृथ्वी की ओर प्रवाहित होती है।
  • क्रोमोस्फीयर (Chromosphere) और कोरोना (Corona): ये सूरज की बाहरी परतें हैं, जिनका तापमान सतह से कहीं अधिक होता है, लेकिन इनका तापमान अभी भी कोर से कम है।

सामान्य भ्रांतियाँ और विज्ञान

कई लोग सोचते हैं कि सूरज की सतह का तापमान बहुत अधिक होना चाहिए, क्योंकि यह हमें गर्मी प्रदान करता है। लेकिन वास्तविकता यह है कि सूरज की सतह का तापमान अपेक्षाकृत कम है, और यह ऊर्जा मुख्य रूप से कोर में उत्पन्न होती है और विभिन्न परतों के माध्यम से पृथ्वी तक पहुँचती है।