Ayodhya Ram Mandir News : राम मंदिर के दो पैरोपकारों को भारत रत्न और अब बाबरी पर चढ़ने वाला जाएगा राज्यसभा
भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र में तीन राज्यसभा उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं। इन लोगों में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, मेघा गाडगिल और डॉ. अजीत गोपछडे हैं। इनमें सबसे चौंकाने वाला नाम अजीत गोपछडे का है, जो साल 1992 में बाबरी ढांचे के विध्वंस के दौरान कार सेवक थे।
वह उस समय बाबरी ढांचे के ऊपर भी चढ़ गए थे और उसे धक्का देने वालों में से एक थे। उनकी बाबरी के ऊपर चढ़ जाने की फोटो आज भी वायरल हो रही है। ऐसे में उन्हें राज्यसभा भेजने का अहम फैसला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले रामरथ यात्रा निकालकर भारतीय जनता पार्टी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दे चुकी है।
राम मंदिर के एक और पैरोंकार एवं पूर्व पीएम नरसिम्हा राव को भी यह सम्मान पिछले दिनों दिया गया है। इस तरह राम मंदिर से जुड़े तीसरे व्यक्ति को मोदी सरकार ने सम्मान दिया है। डॉ. अजीत गोपछडे ने खुद भी अपनी यह फोटो रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से एक दिन पहले शेयर कि थी, जिसमें वह बाबरी के ऊपर चढ़े दिखते हैं।
उन्होंने एक्स पर फोटो शेयर करते हुए लिखा था, ‘रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को देखते हुए गर्व हो रहा है कि हम भी उस आंदोलन में कार सेवक की भूमिका में थे। इस दिन ने मुझे 6 दिसंबर, साल 1992 की याद दिला दी है। बाबरी के ऊपर की एक फोटो मेरी वायरल हो रही है। मेरा हृदय एक बार फिर से उन्ही यादों में खो गया है।’
डॉ. गोपछडे लिंगायत समुदाय से आते हैं, जिसकी कर्नाटक में अच्छी खासी संख्या है। इसके अलावा महाराष्ट्र के भी कुछ लोकसभा क्षेत्रों में उनका प्रभाव है। डॉ. अजीत गोपछडे आरएसएस के प्रचारक रहे हैं और महाराष्ट्र में लंबे वक्त से सक्रिय है। वह प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में मेडिकल सेल के प्रभारी भी रहे हैं। इस सेल के प्रभारी रहने के दौरान उन्हें करीब 50 हजार डॉक्टरों को पार्टी से जोड़ा है। वह एमबीबीएस और एमडी की पढ़ाई कर चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजकर यह मैसेज दिया है कि वह राम मंदिर आंदोलन से जुड़े लोगों का सम्मान कर रही है।
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दौरान साल 1992 की घटना और उससे पहले चले आंदोलन में शामिल लोगों को याद किया जा रहा था। कौन से चेहरे मौजूद है और कौन नहीं, इसकी चर्चा हो रही थी। भारतीय जनता पार्टी सरकार ने पहले आडवाणी को भारत रत्न दिया और गोपछडे जैसे व्यक्ति को राज्यसभा भेज कर मैसेज दिया है कि वह राम मंदिर आंदोलन का हिस्सा रहे लोगों को भूली नहीं है। इसके अलावा गोपछडे जैसे नेता को राज्यसभा भेजने से पार्टी के हार्डकोर समर्थकों और आरएसएस के काडर में भी उत्साह का संचार होगा।