Statue Of Tipu Sultan : टीपू सुल्तान की तस्वीर पर जूते की माला पहनाई गई, कर्नाटक के रायचूर शहर में बढ़ा तनाव
कर्नाटक के रायचूर जिले के सिरवार शहर में बुधवार को मैसूर के पूर्व शासक टीपू सुल्तान की प्रतिमा को जूतों चप्पलों की माला पहनाने के बाद तनाव पैदा हो गया। बुधवार को कुछ शरारती तत्वों ने टीपू सुल्तान की मूर्ति पर चप्पलो की माला पहना दिया और सुबह लोगों को जब इसकी जानकारी हुई इससे लोगों में गुस्सा फैल गया।
इस घटना की निंदा करते हुए भारी संख्या में लोग सामने आए हैं और टीपू सर्किल पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने आरोपियों के तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए सड़क को जाम कर दिया और विरोध स्तर पर टायर जलाएं।
इस घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई है और आरोपियों का सुराग पाने के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है। घटना के बारे में अभी और जानकारी सामने आना बाकी है।
कर्नाटक में टीपू सुल्तान के नाम पर लंबे समय से विवाद जारी है। अभी पिछले महीने ही मैसूर हवाई अड्डे का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखने के प्रस्ताव के बाद सत्तारूढ़ कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी आमने-सामने आ गई। भारतीय जनता पार्टी ने जहां पूरी ताकत से इस प्रस्ताव का विरोध करने का संकल्प जताया। अब इस मुद्दे के राज्य में सांप्रदायिक रंग लेने की संभावना है।
कहा जा रहा है कि कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करने के लिए मैसूर हवाई अड्डे का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखना चाहती है। भारतीय जनता पार्टी ने टीपू एक्सप्रेस ट्रेन का नाम बदलकर वाडियार एक्सप्रेस कर दिया था। बीजेपी ने पाठ्य पुस्तकों के पाठ्यक्रम से ’मैसूर टाइगर’ शीर्षक भी हटा दिया था। बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार ने राज्य में टीपू जयंती मनाने पर रोक लगा दी थी। सीएम सिद्धारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने साल 2015 में कर्नाटक में टीपू जयंती मनाने की शुरुआत की थी।
भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे का इस्तेमाल राज्य में हिंदू वोटो की ध्रुवीकरण के लिए करेगी क्योंकि लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि हवाई अड्डे का नाम मैसूर के पूर्व शासक नलवाड़ी कृष्ण राज वाडियार के नाम पर रखा जाना चाहिए। वहीं कांग्रेस के नेताओं, खासकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस बात पर जोर दिया कि टीपू सुल्तान एक शहीद थे जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि टीपू सुल्तान एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति थे।