अर्धनग्न अवस्था में महिलाओं के साथ पकड़ा गया शख्स कोई ‘हिंदू संत’ नहीं, वायरल वीडियो की ये रहीं पूरी कहानी…
Viral Video of Buddhist Monk : अर्धनग्न अवस्था में महिलाओं के साथ पकड़ा गया शख्स कोई ‘हिंदू संत’ नहीं, वायरल वीडियो की ये रहीं पूरी कहानी… सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो काफी तेजी से सर्कुलेट हो रहा है. वायरल हो रहे वीडियो में एक कमरे के अंदर एक अर्धनग्न व्यक्ति की कुछ लोग जमकर पिटाई कर रहे है. साथ ही मालूम हो कि उस अर्धनग्न व्यक्ति के साथ दो महिलाएं भी कमरे में हैं. वहीं उस अर्धनग्न व्यक्ति की पिटाई करने वाले लोग उन दोनों महिलाओं पर भी थप्पड़ चला रहे हैं. मालूम हो कि इस वायरल हो रहे वीडियो को शेयर करके यह दावा किया जा रहा कि वीडियो में जिस व्यक्ति की पिटाई की जा रही है वो एक ‘हिंदू साधु’ है. खबरों के अनुसार जिस व्यक्ति को पीटा जा रहा कि उस साधु का नाम ‘शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप महाराज’ है.
मालूम हो कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर नवीन मिश्रा नाम के एक यूजर ने वायरल वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा है कि ,“मुसलमानों और ईसाइयों को भारत से चले जाने का उपदेश देने वाले श्रीलंका में महिलाओं के साथ रंगे हाथ पकड़े गए…”. इसके साथ ही युजर नवीन ने कुछ ऐसी बातें भी लिखी है जिसे सार्वजनिक रूप से यहां लिखा नहीं जा सकता. मालूम हो कि कई अन्य यूजर्स ने भी वायरल वीडियो में मौजूद व्यक्ति को नवीन की ही तरह ‘हिंदू संत’ बताया है. लेकिन जब हकीकत जानने की कोशिश की गई तब वायरल वीडियो के बारे में जो भी दावे किए जा रहे है हकीकत ठीक इसके उलट निकली.
गौरतलब हो कि बीते साल 2023 8 जुलाई, को पब्लिश हुई ‘Asian Mirror’ की रिपोर्ट में वायरल वीडियो के बारे में लिखा है कि वायरल हो रहा ये वीडियो श्रीलंका के नावागुमा इलाके का है. वहीं इसी रिपोर्ट में जिस व्यक्ति की पिटाई हो रही है उसका नाम पल्लेगामा सुमना थेरो बताया गया है. आगे रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि, थेरो एक बौद्ध भिक्षुक हैं. मालूम हो कि उस समय पिटाई करने वाले लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था. लेकिन बाद में उन लोगों को जमानत पर रिहा कर दिया गया. वहीं उक्त व्यक्ति पल्लेगामा सुमना थेरो को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. साथ ही जिन दो महिलाओं के साथ ‘आपत्तिजनक’ अवस्था में थेरो का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.
उनके साथ स्थानीय लोगों ने गैर जिम्मेदाराना बर्ताव करने का आरोप भी थेरो पर लगाया था. हालांकि अपनी गिरफ़्तारी के अगले दिन ही पल्लेगामा को जमानत भी मिल गई. वहीं ऐसा नहीं है कि यह वीडियो पहली बार वायरल हुआ है. पिछले साल जुलाई में भी यह वीडियो लगभग इसी दावे के साथ काफी ज्यादा वायरल हुआ था. लेकिन हकीकत यही है कि वायरल हो रहे वीडियो में महिलाओं के साथ आपत्तिजनक अवस्था में नज़र आ रहा व्यक्ति श्रीलंका का एक बौद्ध भिक्षु है न कि हिंदू संत.