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Mutual Funds: म्यूचुअल फंड से दूरी बना रहे न‍िवेशक, इस फंड की तरफ बढ़ा रुझान; जान‍िए क्‍या है कारण?

म्यूचुअल फंड से दूरी और फोकस्ड फंड की बढ़ती लोकप्रियता: जानिए वजह

आज के समय में बहुत से निवेशक पारंपरिक म्यूचुअल फंड्स से धीरे-धीरे दूरी बना रहे हैं और एक अलग विकल्प की ओर रुख कर रहे हैं — फोकस्ड फंड्स। आखिर क्यों ऐसा हो रहा है? आइए सरल भाषा में समझते हैं:

म्यूचुअल फंड से दूरी क्यों?

  1. बाजार की अस्थिरता: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव से निवेशकों में घबराहट बढ़ी है। खासकर मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स ने हाल ही में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, जिससे लोग सतर्क हो गए।
  2. ज़्यादा विकल्प और भ्रम: अब मार्केट में कई तरह के फंड्स मौजूद हैं – थीमैटिक, सेक्टोरल, ETF वगैरह। इतनी विविधता के बीच आम निवेशक उलझ जाते हैं और पारंपरिक फंड्स से दूरी बना लेते हैं।
  3. कम रिटर्न की निराशा: कुछ फंड्स ने उम्मीद के मुताबिक रिटर्न नहीं दिया, जिससे भरोसा थोड़ा डगमगाया है।

फोकस्ड फंड्स में बढ़ता रुझान

फोकस्ड फंड्स वे फंड होते हैं जो सिर्फ 20-30 चुनिंदा स्टॉक्स में निवेश करते हैं। इनका मकसद है कि कम कंपनियों में ज़्यादा ध्यान दिया जाए और गहराई से रिसर्च करके निवेश किया जाए।

इनकी लोकप्रियता बढ़ने के 3 बड़े कारण हैं:

  1. कम लेकिन मजबूत पोर्टफोलियो: निवेश उन्हीं कंपनियों में होता है जो मजबूत, स्थिर और लंबे समय तक चलने वाली हों।
  2. अनावश्यक विविधता नहीं: अधिक फंड्स में फैले निवेश की बजाय, फोकस्ड फंड एक सीमित और स्पष्ट रणनीति अपनाते हैं।
  3. बाजार में स्थिर प्रदर्शन: हाल के करेक्शन के दौरान भी फोकस्ड फंड्स ने तुलनात्मक रूप से बेहतर प्रदर्शन किया है, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा।

निवेशक क्या करें?

  • जल्दबाज़ी में फंड न बदलें। फोकस्ड फंड अच्छे हो सकते हैं, लेकिन हर निवेशक के लिए नहीं।
  • अपने लक्ष्य और जोखिम प्रोफाइल को ध्यान में रखें
  • फाइनेंशियल एडवाइजर से राय जरूर लें, खासकर अगर आप SIP बंद करने या नया फंड चुनने का सोच रहे हैं।

निवेशक म्यूचुअल फंड्स से क्यों पीछे हट रहे हैं?

1. Valuation Overheating (बहुत ज़्यादा मूल्यांकन)

  • पिछले कुछ वर्षों में छोटे और मझोले कंपनियों के फंड्स (Midcap/Smallcap) ने असाधारण रिटर्न दिए, जिससे उनके स्टॉक्स की कीमतें असामान्य रूप से बढ़ गईं।
  • अब जब उनका मूल्यांकन ज़रूरत से ज्यादा हो गया है, निवेशक “करेक्शन” से डरकर इन फंड्स से दूरी बना रहे हैं।

2. SEBI की चेतावनी और सलाह

  • सेबी ने हाल ही में स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स को लेकर निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी है, जिससे लोगों का रुझान सतर्क फंड्स (जैसे फोकस्ड फंड) की ओर बढ़ा है।

3. थीमैटिक और सेक्टोरल फंड्स में अस्थिरता

  • खास सेक्टर पर आधारित फंड्स (जैसे मैन्युफैक्चरिंग, IT, इंफ्रास्ट्रक्चर) अक्सर बाजार की चाल से ज्यादा प्रभावित होते हैं।
  • निवेशक अब ज़्यादा स्थिरता और बैलेंस वाले विकल्प ढूंढ रहे हैं, जो फोकस्ड फंड्स में मिल रहा है।

फोकस्ड फंड्स की खासियतें (Features of Focused Funds)

विशेषताविवरण
संख्या सीमितअधिकतम 30 कंपनियों में निवेश
सेक्टर डाइवर्सिफिकेशनकिसी भी सेक्टर में सीमित निवेश, फोकस बनाए रखने के लिए
लंबी अवधि के लिए उपयुक्तकम ट्रेडिंग, दीर्घकालिक ग्रोथ पर जोर
कम जोखिम, संतुलित रिटर्नबड़े और मिड कैप दोनों का संतुलन

फोकस्ड फंड्स किसी एक सेक्टर पर आधारित नहीं होते, बल्कि पूरे बाजार में से चुनिंदा कंपनियां चुनी जाती हैं।

भविष्य की दिशा: क्या फोकस्ड फंड्स लम्बे समय तक चल पाएंगे?

  • अगर बाजार की अस्थिरता बनी रहती है, तो फोकस्ड फंड्स की लोकप्रियता और बढ़ेगी क्योंकि ये स्थिर और विश्वसनीय कंपनियों पर आधारित होते हैं।
  • ये फंड्स नए निवेशकों के लिए भी बेहतर विकल्प बन सकते हैं, जो अभी SIP शुरू करना चाहते हैं लेकिन जोखिम नहीं लेना चाहते।

क्या आपको फोकस्ड फंड्स में निवेश करना चाहिए?

हां, अगर:

  • आप 3-5 साल या उससे ज़्यादा समय तक निवेश कर सकते हैं।
  • आप चाहते हैं कि रिस्क सीमित रहे लेकिन ग्रोथ की संभावना बनी रहे।
  • आप अनुभवी फंड मैनेजर द्वारा अच्छी रिसर्च के आधार पर स्टॉक्स में निवेश करवाना चाहते हैं।

नहीं, अगर:

  • आप बहुत जल्दी रिटर्न चाहते हैं।
  • आपको बहुत ज्यादा विविधता (Diversification) चाहिए।
  • आप खुद स्टॉक्स चुनना पसंद करते हैं (तो फिर Direct Equity बेहतर विकल्प है)।